Published : Jul 16, 2023, 10:50 AM ISTUpdated : Jul 17, 2023, 08:11 AM IST
Hariyali Amavasya Upay: इस बार हरियाली अमावस्या 17 जुलाई, सोमवार को है। ये सावन का दूसरा सोमवार रहेगा। इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जिसके चलते ये पर्व और भी खास हो गया है। इस दिन किए गए उपाय बहुत ही जल्दी शुभ फल प्रदान करते हैं।
पंचांग के अनुसार, श्रावण की अमावस्या को हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya Upay) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 17 जुलाई, सोमवार को है। सोमवार को अमावस्या होने से ये सोमवती अमावस्या भी कहलाएगी। इस दिन कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जिसके चलते ये पर्व और भी खास हो गया है। (Hariyali Amavasya 2023) इस दिन पवित्र नदी में स्नान, दान, पूजा, उपाय, मंत्र जाप आदि का विशेष फल मिलता है। आगे जानिए इस दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में…
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धन लाभ के लिए उपाय (Dhan Laabh Ke Upay)
हरियाली अमावस्या की शाम को अपने आस-पास स्थित किसी पीपल के नीचे शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इसके बाद पीपल की परिक्रमा करें और देवी लक्ष्मी का ध्यान करते हुए घर आ जाएं। संभव हो तो आते समय देवी लक्ष्मी के मंत्र का जाप भी करते रहें। इस उपाय से जल्दी ही धन लाभ के योग बन सकते हैं।
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परेशानी दूर करने के लिए उपाय
अमावस्या पर हनुमानजी की पूजा का भी विशेष महत्व है। हरियाली अमावस्या पर अपने आस-पास स्थिति किसी हनुमान मंदिर में जाकर पूजा करें और संभव हो तो सिंदूर और तेल से चोला भी चढ़ाएं। इस आसान उपाय से हनुमानजी अपने भक्तों की हर इच्छा पूरी करते हैं और संकटों से बचाते हैं।
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सुख-समृद्धि के लिए उपाय
हरियाली अमावस्या पर पौधे लगाने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है। इस मौके पर आप कोई भी पौधा लगा सकते हैं। ध्यान रहे कि इस पौधे को समय-समय पर पानी, खाद व अन्य चीजें मिलती रहें, जिससे ये जल्दी ही बड़ा हो जाए।
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पितृ दोष शांति के लिए उपाय (Pitra dosh Ke Upay)
अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देव हैं। जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष है, वे हरियाली अमावस्या की सुबह पानी में काले तिल डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। ऐसा करते समय सूर्यदेव से पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी करें। पितृ दोष का प्रभाव कम होने से आपकी परेशानियां भी कम हो सकती हैं।
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पारिवारिक सुख के लिए उपाय
हरियाली अमावस्या पर शिवजी की पूजा का भी विशेष महत्व है। इस दिन यदि शिव परिवार की संयुक्त रूप से पूजा की जाए तो परिवार में सामंजस्य और शांति बनी रहती है। अगर स्वयं ये पूजा न कर पाएं तो किसी योग्य विद्वान पंडित से भी ये पूजा करवा सकते हैं।
Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।