Published : Jul 14, 2023, 06:30 AM ISTUpdated : Jul 15, 2023, 08:12 AM IST
Sawan Shivratri 2023: भगवान शिव का प्रिय महीना सावन 4 जुलाई से शुरू हो चुका है, जो 31 अगस्त तक रहेगा यानी पूरे 59 दिन। ऐसा सावन का अधिक मास होने के कारण होगा। सावन मास में आने वाली शिवरात्रि बहुत ही खास मानी गई है। इस दिन शिव पूजा का विशेष महत्व है।
इन दिनों भगवान शिव का प्रिय सावन (Sawan 2023) मास चल रहा है, जो 31 अगस्त तक रहेगा। धर्म ग्रंथों के अनुसार, सावन में शिवजी की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी हो सकती है। इस महीने में कई ऐसे व्रत-त्योहार आते हैं, जिनका विशेष महत्व है। उन्हीं में से एक व्रत है सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri 2023) का। बहुत से लोगों को महाशिवरात्रि और सावन शिवरात्रि में अंतर नहीं पता। आगे जानिए इन दोनों शिवरात्रि में क्या अंतर है…
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फाल्गुन मास में आती है महाशिवरात्रि (mahashivratri 2023)
महाशिवरात्रि हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। ये शैव धर्म को मानने वालों का सबसे बड़ा त्योहार है। शिवपुराण के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव पहली बार लिंग रूप में यानी अपने निराकार स्वरूप में प्रकट हुए थे। इसीलिए हर साल इस तिथि पर महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है।
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1 साल में आती है 11 शिवरात्रि (Masik Shivratri Importance)
धर्म ग्रंथों के अनुसार, चतुर्दशी तिथि के स्वामी स्वयं भगवान शिव हैं। इसलिए इस हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है। इसे शिव चतुर्दशी भी कहते हैं। इस तरह फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि और अन्य 11 महीनों के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत करने का विधान है।
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सावन शिवरात्रि क्यों है खास? (Why is Sawan Shivratri special?)
वैसे तो मासिक शिवरात्रि का व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर किया जाता है, लेकिन सावन मास की शिवरात्रि का महत्व इन सभी में सबसे ज्यादा माना गया है। इसका कारण है कि सावन मास को शिवजी की भक्ति का महीना कहा जाता है और इस महीने में आने वाली शिवरात्रि महादेव की पूजा के लिए सबसे खास मानी गई है।
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इस बार 2 सावन शिवरात्रि का संयोग (Sawan Shivratri 2023 Date)?
वैसे तो आमतौर पर सावन में एक ही बार शिवरात्रि का संयोग बनता है, लेकिन इस बार 2 बार सावन शिवरात्रि का संयोग बनेगा। ऐसा सावन का अधिक मास होने के कारण होगा। पहली सावन शिवरात्रि 15 जुलाई, शनिवार को है। सावन की दूसरी शिवरात्रि का व्रत 14 अगस्त, सोमवार को किया जाएगा। इसके पहले सावन में दो शिवरात्रि साल 2004 में आई थी, क्योंकि इस साल भी सावन का अधिक मास था।
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