Hindu tradition: क्यों रात को किसी पेड़ के पास नहीं जाना चाहिए, भूत-प्रेत या है कोई और वजह?

Hindu tradition: हम अक्सर अपने परिवार के बुजुर्गों से सुनते आ रहे हैं कि रात को भूलकर भी किसी पेड़ के आस-पास नहीं जाना चाहिए, यहां तक कि उसे छूना भी नहीं चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि ऐसा करने से हमारे साथ कुछ अशुभ हो सकता है।

 

Manish Meharele | Published : Jan 20, 2023 12:01 PM IST / Updated: Jan 20 2023, 05:32 PM IST

हिंदू धर्म में कई सारी मान्यताएं और परंपराएं (Hindu tradition) हैं। इन मान्यताओं और परंपराओं के पीछे कोई-न-कोई कारण जरूर छिपा होता है, लेकिन बहुत कम लोग इनके बारे में जानते हैं। ऐसी ही एक मान्यता ये भी है कि रात को भूलकर भी किसी पेड़ के पास नहीं जाना चाहिए और उसे हाथ भी नहीं लगाना चाहिए, अगर कोई ऐसा करता है तो उस पर बुरी शक्ति का असर हो सकता है। लेकिन इसके पीछे की वजह कुछ और है जो हम आपको आज बता रहे हैं…

इसलिए रात को किसी पेड़ के पास नहीं जाना चाहिए
- वैज्ञानिक शोधों से ये पहले ही पता लग चुका है कि पेड़ भी मनुष्यों की तरह सांस लेते हैं और कार्बन डाय आक्साइड ग्रहण करके ऑक्सजीन छोड़ते हैं। लेकिन पेड़ सिर्फ दिन में ही ऑक्सीजन छोड़ते हैं, रात में नहीं। पेड़ों द्वारा सांस लेने की प्रक्रिया प्रकाश संश्लेषण द्वारा की जाती है।
- रात में चूंकि सूर्य का प्रकाश उपलब्ध नहीं होता, इसलिए इस समय पेड़ कार्बन-डाय-ऑक्साइड ग्रहण नहीं कर पाते। जिसके चलते पेड़ के आस-पास ऑक्सजीन का स्तर कम हो जाता है और कार्बन-डाय-ऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है।
- रात में यदि कोई व्यक्ति अधिक समय तक पेड़ के नीचे खड़ा रहे तो ऑक्सजीन की मात्रा कम होने से वह बेहोश हो सकता है या अन्य कोई शारीरिक बीमारी उसे हो सकती है। इसलिए हमारे बुजुर्गों में रात में पेड़ के पास न जाने की परंपरा बनाई और उसे भूत-प्रेतों से जोड़ दिया ताकि डर के कारण कोई रात में पेड़ के नीचे न जाए।


एक पहलू ये भी
हमारे पूर्वज पुरातन समय से ही प्रकृति पूजक रहे हैं। वे प्रकृति को भगवान के रूप में पूजते थे, पेड़-पौधे भी इनमें शामिल हैं। ये परंपरा आज भी जारी है। ऐसा कहा जाता है कि रात के समय जिस तरह हम सोते हैं, उसी तरह पेड़-पौधे भी आराम करते हैं। जब हम इनके नजदीक जाते हैं या इन्हें छूते हैं तो ये असहज हो जाते हैं। किसी देवी-देवता को नींद से जगाना शुभ नहीं माना जाता। पेड़ पौधे भी उन्हीं का स्वरूप हैं। रात में पेड़-पौधों के निकट न जाने और उन्हें न छूने के पीछे एक कारण ये भी है।


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