Holi 2023: किन 5 ग्रंथों में मिलता है होली का वर्णन, किस पुराण या शास्त्र में इस उत्सव के बारे में क्या कहा गया है?

Holi 2023: इस बार होलिका दहन का पर्व 2 दिन मनाया जाएगा, ऐसा पंचांग भेद होने के कारण होगा। कुछ स्थानों पर 6 मार्च, सोमवार को होलिका दहन हो चुका है तो कुछ स्थानों पर 7 मार्च, मंगलवार को होलिका दहन किया जाएगा।

 

Manish Meharele | Published : Mar 7, 2023 1:47 AM IST
16
धर्म ग्रंथों में होली...

होली (Holi 2023) हिंदुओं के प्रमुख त्योहारो में से एक है। फाल्गुन पूर्णिमा पर होलिका दहन के बाद अगले दिन यानी चैत्र कृष्ण प्रतिपदा पर धुरेड़ी यानी होली उत्सव मनाया जाता है। इस बार इन त्योहारों को लेकर ज्योतिषियों में काफी मतभेद है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, होलिका दहन 7 मार्च, मंगलवार को करना ठीक रहेगा, क्योंकि इस दिन भद्रा नहीं रहेगी। इसके अगले दिन यानी 8 मार्च, बुधवार को धुरेड़ी उत्सव मनाया जाएगा। (Holi in scriptures) कई धर्म ग्रंथों में होली मनाने का वर्णन मिलता है। होली के मौके पर हम आपको बता रहे हैं किस ग्रंथ में होली के वर्णन किस रूप में किया गया है…

26
भविष्य पुराण में श्रीकृष्ण ने बताया है होली का महत्व

भविष्य पुराण में भी होली पर्व का वर्णन है। उसके अनुसार, श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को इस पर्व की कथा सुनाते हुए बताया था कि फाल्गुन महीने की पूर्णिमा पर होलिका दहन कर सभी लोगों को उल्लास पूवर्क ये पर्व मनाना चाहिए। श्रीकृष्ण ने ये भी बताया कि पूर्वकाल में ढूंढा राक्षसी का अंत इसी दिन हुआ था। इसलिए फाल्गुन पूर्णिमा तिथि बहुत ही खास होती है।


 

36
श्रीमद्भागवत में इसे कहा गया है फाल्गुनोत्सव

श्रीमद्भागवत में भगवान श्रीकृष्ण के संपूर्ण जीवन का वर्णन है। इस ग्रंथ में कई बार होली उत्सव का वर्णन आया है। बरसाना और बज्र की होली तो वैसे भी विश्व प्रसिद्ध है। राधा और श्रीकृष्ण की होली से जुड़ी कई परंपराएं आज भी मथुरा, वृंदावन आदि में निभाई जाती है। श्रीमद्भागवत के अनुसार, होलिका दहन के समय नई फसल देवताओं को चढ़ाने का महत्व बताया गया है। फाल्गुन माह में आने के कारण इसे फाल्गुनोत्सव भी कहा जाता है।
 

46
नारद पुराण में भी है होली का वर्णन

होली उत्सव का वर्णन नारद पुराण में मिलता है। इस ग्रंथ के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा पर कुछ विशेष मंत्र पढ़ते हुए अग्नि में आहुति देनी चाहिए और इसके बाद मांगलिक गीत गाने चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और होलिका पूजन का शुभ फल भी प्राप्त होता है।

56
लिंग पुराण में इसे कहा गया है फाल्गुनिका

लिंग पुराण में भी होली उत्सव के बारे में बताया गया है। इस ग्रंथ में इसे फाल्गुनिका कहा गया है जिसका अर्थ है फाल्गुन पूर्णिमा पर मनाया जाने वाला त्योहार। इसके अनुसार, इस दिन बच्चों को खेल-कूद करना चाहिए और रंगों का उत्सव मनाना चाहिए, जिससे इनके शरीर में स्फूर्ति बनी रहे।
 

66
वराह पुराण में पटवास विलासिनी

वराहपुराण में काफी प्राचीन ग्रंथ है। इस ग्रंथ में होली जैसे त्योहार के बारे में बताया गया है। इस उत्सव को इस ग्रंथ में पटवास विलासिनी अर्थात् चूर्णयुक्त खेल और लोक कल्याण करने वाला बताया गया है। वराण पुराण के अनुसार, फाल्गुने पौर्णिमास्यां तु पटवास विलासिनी, इसका अर्थ है कि फाल्गुन पूर्णिमा पर रंगों से खेला जाने वाला पर्व है पटवास विलासिनी। 


ये भी पढ़ें-

Holi 2023: ये रंग कहेंगे आपके दिल की बात, कौन-सा रंग लगाएं पत्नी, दोस्त या अपनी प्रेमिका को?

Holika Dahan 2023: होलिका दहन कब करना रहेगा शुभ, जानें क्या कहते हैं धर्म शास्त्र?

Holi 2023: कहां प्रकट हुए थे भगवान नृसिंह, कहां मनाई गई थी सबसे पहले होली? 1 नहीं 3 जगहों से जुड़ी हैं ये मान्यता
 


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।


 

Read more Photos on
Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos