
Koun Tha Kichak: महाभारत के अनुसार, पांडवों ने अपना अज्ञातवास विराट नगर में नाम और रूप बदलकर काटा था। विराट नगर के राजा विराट थे और उनकी पत्नी का नाम सुदेष्णा था। रानी सुदेष्णा का एक भाई था, जिसका नाम कीचक था। कीचक ही विराट नगर का सेनापति भी था। कीचक बहुत ही शक्तिशाली था, उसकी ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है पूरी दुनिया में उसे सिर्फ 7 लोग ही मार सकते थे। आगे जानिए कीचक से जुड़ी खास बातें…
विराट नगर में क्यों रहे पांडव?
महाभारत के अनुसार, जुएं में हारने के बाद पांडव को 12 साल का वनवास और 1 साल का अज्ञात वास पर रहना था। 12 साल वनवास में बीतने के बाद पांडवों ने अपना अज्ञात वास विराट नगर में बिताया। यहां पांचों पांडव राजा विराट के महल में अलग-अलग रूप और नाम से रहने लगे। द्रौपदी भी सैरंध्री नाम से रानी सुदेष्णा की दासी बनकर रहने लगी। तभी रानी सुदेष्णा के भाई कीचक की नजर द्रौपदी पर पड़ी।
द्रौपदी पर मोहित हो गया कीचक
द्रौपदी को देखकर कीचक उस पर मोहित हो गया। ये बात कीचक ने अपनी बहन सुदेष्णा को बताई। सुदेष्णा ने कहा ‘मैं सैरंध्री (द्रौपदी) को अकेले में तुम्हारे पास भेज दूंगी। तुम उसे समझा-बुझाकर प्रसन्न कर लेना।’ तब एक दिन रानी सुदेष्णा ने किसी काम से द्रौपदी को कीचक के पास भेज दिया। द्रौपदी को अकेला देखकर कीचक ने उसके साथ दुराचार करने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो पाया।
भीम ने लिया भयानक बदला
जब द्रौपदी ने कीचक वाली बात भीम को बताई तो वे बहुत क्रोधित हुए। भीम के कहने पर द्रौपदी ने कीचक को महल के एक गुप्त स्थान पर बुलाया। कीचक जब वहां पहुंचा तो भीम के साथ उसका भयंकर युद्ध हुआ। अंत में भीम ने कीचक को पशु की भांति मार डाला। कीचक के अंग उसके शरीर में इस तरह घुसा दिए कि वो मांस को गोला बनकर रह गया।
कौन 7 लोग मार सकते थे कीचक को?
कीचक की मौत की खबर जब हस्तिनापुर पहुंची तो कर्ण ने दुर्योधन से कहा ‘कीचक जैसे महाबली का वध दुनिया में सिर्फ 7 लोग ही कर सकते थे- बलराम, द्रोणाचार्य, पितामाह भीष्म, श्रीकृष्ण और भीम के अलावा हम दोनों। इन सभी में से इस समय सिर्फ भीम ही अज्ञात स्थान पर है, इसलिए निश्चित रूप से भीम ने ही कीचक का वध किया है।’ दुर्योधन की बात मानकर ही दुर्योधन ने विराट नगर पर हमला किया था।
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