Pitru Paksha 2024: इन दिनों श्राद्ध पक्ष चल रहा है। इन 16 दिनों में रोज लोग अपने पितरों की शांति के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं। सभी चाहते हैं कि उनके पितरों को मुक्ति मिले। श्रीमद् गीता के एक श्लोक में मोक्ष और पुनर्जन्म के बारे में लिखा है।
Secrets of Shrimad Bhagwat Geeta: इस बार श्राद्ध पक्ष 18 सितंबर से शुरू हो चुका है जो 2 अक्टूबर तक रहेगा। श्राद्ध पक्ष में पितरों की शांति के लिए उपाय किए जाते हैं। हर व्यक्ति यही चाहता है कि उसके मृत पितरों को मोक्ष की प्राप्ति हो ताकि उन्हें पुनर्जन्म लेकर धरती पर न आना पड़े। श्रीमद् भागवत गीता में इसके बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है कि किन लोगों को मृत्यु के बाद मुक्ति यानी मोक्ष मिलता है और कौन लोग पुनर्जन्म लेकर दोबारा धरती पर आते हैं। आगे जानिए इस रहस्य के बारे में…
श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार…
यत्र काले त्वनावृत्तिमावृत्तिं चैव योगिन:।
प्रयाता यान्ति तं कालं वक्ष्यामि भरतर्षभ।।
अग्निर्योतिरह: शुक्ल: षण्मासा उत्तरायणम्।
तत्र प्रयाता गचछन्ति ब्रह्म ब्रह्माविदो जना:।।
धूमो रात्रिस्तथा कृष्ण: षण्मासा दक्षिणायनम्।
तंत्र चांद्रमसं ज्योतिर्योगी प्राप्य निवर्तते।।
शुक्ल कृष्णे गतीतो जगत: शाश्वते मते।
एकया यात्यनावृत्तिमन्ययावर्तते पुन:।।
इस श्लोक में छिपे हैं मोक्ष और पुनर्जन्म के रहस्य…
1. श्रीमद्भागवत में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं ‘अब मैं तुम्हें संसार से दूर जाने वाले मार्गों के बारे में बताऊंगा। इनमें से एक मार्ग मुक्ति की ओर जाता है और दूसरा पुनर्जन्म की ओर।
2. जब सूर्य 6 महीने उत्तर दिशा में रहते हैं यानी उत्तरायण रहते हैं, उस समय शुक्ल पक्ष में जो व्यक्ति मरता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य 14 जनवरी से 21 जून तक उत्तरायण में रहता है।
3. जब सूर्य 6 महीने दक्षिण में रहता है, यानी दक्षिणायन रहा है, उस समय जिनकी मृत्यु होती है, वे लोग अपने कर्मों के आधार पर स्वर्ग-नरक के फल भोगकर पुन: धरती पर जन्म लेते हैं। 21 जून से 14 जनवरी तक का समय दक्षिणायन कहलाता है।
4. श्रीमद्भागवत के अनुसार, प्रकाश और अंधकार के ये दोनों पक्ष (उत्तरायण और दक्षिणायन) संसार में हमेशा रहते हैं और मुक्ति और पुनर्जन्म की ओर ले जाते हैं।
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