गरुड़ पुराण में मौत से जुड़े कईं रहस्य छिपे हैं। इस में ये भी लिखा है कि शरीर से आत्मा कैसे निकलती है और कैसे वो यमलोक जाती है? आगे जानें इन रहस्यों के बारे में…
गरुड़ पुराण के अनुसार, जब मनुष्य की मृत्यु होने वाली होती है वो चाहकर भी कुछ बोल नहीं पाता। उस समय दो यमदूत आते हैं और वे शरीर से आत्मा को निकालकर पकड़ लेते हैं।
यमदूत आत्मा को पकड़कर यमलोक ले जाते हैं। रास्ते में यमदूत आत्मा को डराते हैं। इसके बाद वह आत्मा यमराज के कहने पर फिर से धरती पर आती है और अपने मृत शरीर को देखती है।
आत्मा अपने शरीर में पुन: प्रवेश करने की कोशिश करती है लेकिन यमदूतों के बंधन में बंधी होने के कारण वो ऐसा नहीं कर पाती। अपने परिजनों को रोता देख उसे दुख भी होता है।
जब शव को जलाया जाता है तो उसमें से अंगूठे के बराबर का शरीर उत्पन्न होता है। वही यमलोक के मार्ग में शुभ-अशुभ फल को भोगता है। 47 दिन चलने के बाद आत्मा यमलोक पहुंचती है।
यमलोक के रास्ते में आत्मा भूख-प्यास के कारण रोती है। इस समय मृतक के पुत्र आदि जो पिंड और अंत समय में दान करते हैं, उससे भी उस आत्मा को शांति और तृप्ति मिलती है।
रास्ते भर आत्मा को कईं कष्टों का सामना करना पड़ता है। इन कष्टों को भोगते हुए आत्मा यमलोक पहुंचती है। यहां यमराज उसके अच्छे-बुरे कर्मों को देखकर उसे स्वर्ग या नरक भेजते हैं।