पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों का सम्मान करने के लिए पिंड दान और श्राद्ध जैसे धार्मिक कर्मकांड किए जाते हैं। भारत में कई ऐसे पवित्र स्थल हैं, जहां इन कर्मों को करने का विशेष महत्व है।
गया का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है और यहां बहने वाली फल्गु नदी के किनारे पिंड दान करने से आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसे पितृ पक्ष में सबसे पवित्र स्थल माना जाता है।
काशी के नाम से प्रसिद्ध वाराणसी, गंगा नदी के किनारे स्थित है। यहाँ पर पिंड दान करने का विशेष महत्व है और इसे पूर्वजों की पूजा के लिए पवित्र स्थल माना जाता है।
त्रिवेणी संगम, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम होता है, पिंड दान के लिए अत्यंत पवित्र स्थल है। यहां पर पिंड दान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।
हिंदू धर्म के सात पवित्र स्थलों में से एक हरिद्वार, गंगा नदी के किनारे स्थित है। यहां पर किए गए श्राद्ध और पिंड दान का बहुत महत्व है।
जगन्नाथ पुरी एक पवित्र नगर है और यहां पिंड दान करने के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं। इसे एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल माना जाता है।
बद्रीनाथ मंदिर के पास स्थित ब्रह्मा कपाल अपनी सुंदर प्राकृतिक छटा के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर पिंड दान करना धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।
चार धाम यात्रा का हिस्सा द्वारका, पूर्वजों के लिए किए जाने वाले कर्मकांडों का विशेष केंद्र है। यहां पिंड दान का धार्मिक महत्व काफी अधिक है।
भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा, यमुना नदी के किनारे स्थित है और यहां पिंड दान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।
राजस्थान के पुष्कर और हरियाणा के कुरुक्षेत्र अपने पवित्र सरोवर के लिए प्रसिद्ध हैं।महाभारत काल से जुड़े इस पवित्र स्थल पर पिंड दान करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।