कौन था श्रीकृष्ण का साला, युद्ध में जिसकी मदद लेने से पांडव-कौरव ने किया इनकार

Mahabharata Facts: महाभारत में एक ऐसे योद्धा के बारे में भी वर्णन मिलता जो चाहकर भी युद्ध में शामिल नहीं हो पाया क्योंकि कौरव और पांडवों ने से अपने सेना में शामिल होने से मना कर दिया था।

 

महाभारत में एक ऐसे योद्धा के बारे में भी बताया गया है जो चाहकर भी युद्ध में शामिल नहीं हो पाया। ये योद्धा था भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी रुक्मिणी का भाई रुक्मी। जब भगवान श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी का हरण किया था, उस समय रक्मी से उनका युद्ध भी हुआ था। उस समय बलराम ने उन्हें क्षमा कर दिया था और श्रीकृष्ण के हाथों से बचा लिया था। बाद में खुद बलराम ने ही रुक्मी का वध कर दिया था। जानें रुक्मी से जुड़ी खास बातें…

कौन था रुक्मी?
विदर्भ देश के राजा भीष्मक की दो संतान थी। उनके पुत्र का नाम रुक्मी था और पुत्री का नाम रुक्मिणी था। रुक्मी एक पराक्रमी योद्धा था, उसने ऋषि परशुराम से ब्रह्मास्त्र व अन्य देवास्त्र प्राप्त किए थे। जब भगवान श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी का हरण किया तो रुक्मी के साथ उनका भयंकर युद्ध हुआ। इस युद्ध में रुक्मी पराजित हुआ। तब बलराम ने रुक्मी को बचाया।

Latest Videos

अभिमानी योद्धा था रुक्मी
जब रुक्मी को पता चला कि कुरुक्षेत्र में पांडवों और कौरवों के बीच युद्ध होने वाला है तो वह अपनी सेना लेकर पांडवों के पास गया। राजा युधिष्ठिर ने उसका मान-सम्मान किया। पांडवों के सामने रुक्मी अपने बल-पराक्रम की बातें बढ़-चढ़ाकर बताने लगा। पांडवों को रुक्मी की ये बात अच्छी नहीं लगी और उन्होंने उसकी सहायता लेने से इंकार कर दिया।

दुर्योधन ने भी कर दिया इंकार
जब पांडवों ने रुक्मी की सहायता लेने से इंकार कर दिया तो वह दुर्योधन के पास गया। यहां भी उसने वैसी ही बातें की, जैसी पांडवों के सामने कही थी। रुक्मी की इस तरह की बातों को सुनकर दुर्योधन ने भी रुक्मी की सहायता लेने से मना कर दिया। इस तरह रुक्मी अपनी सेना लेकर अपने राज्य में लौट गया और चाहकर भी महाभारत युद्ध में शामिल नहीं हो पाया।

कैसे हुई रुक्मी की मृत्यु?
जब पांडवों ने रुक्मी की सहायता लेने से इंकार कर दिया तो उसे लगा कि ऐसा उन्होंने श्रीकृष्ण के कहने पर किया है। इसलिए मन ही मन वह श्रीकृष्ण से दुश्मनी रखने लगा। इसके बाद भी उसने अपनी पोती रोचना का विवाह श्रीकृष्ण के पोते अनिरुद्ध से करवा दिया। जब इन दोनों का विवाह हो रहा था, उस समय रुक्मी और बलराम चौसर खेल रहे थे। चौसर में रुक्मी ने छल से बलराम को हरा दिया और उनका मजाक उड़ाने लगा। क्रोधित होकर बलरामजी ने उसका वध कर दिया।


ये भी पढ़ें-

गुरु द्रोणाचार्य को अंगूठा काटकर देने के बाद एकलव्य का क्या हुआ...?


कौन था पांडवों का ‘जमाई’, जिसे मारकर अर्जुन ने लिया था अभिमन्यु की मौत का बदला?


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

Share this article
click me!

Latest Videos

महज चंद घंटे में Gautam Adani की संपत्ति से 1 लाख Cr रुपए हुए स्वाहा, लगा एक और झटका
PM Modi Guyana Visit: 'नेताओं का चैंपियन'... मोदी को मिला गुयाना और डोमिनिका का सर्वोच्च सम्मान
Maharashtra Jharkhand Exit Poll से क्यों बढ़ेगी नीतीश और मोदी के हनुमान की बेचैनी, नहीं डोलेगा मन!
'गौतम अडानी गिरफ्तार हों' Rahul Gandhi ने PM Modi पर लगाया एक और बड़ा आरोप
कानूनी प्रक्रिया: अमेरिकी न्याय विभाग से गिरफ्तारी का वारंट, अब अडानी केस में आगे क्या होगा?