
Kab Hai Baba Ramdev Ki Jayanti: हमारे देश में लोक देवताओं की भी मान्यता है। ऐसी ही एक लोकदेवता हैं बाबा रामदेव, जिन्हें रामसा पीर भी कहते हैं। कुछ लोग इन्हें भगवान श्रीकृष्ण का अवतार भी मानते हैं। वैसे तो पूरे देश में बाबा रामदेव के भक्त हैं लेकिन इनकी सबसे ज्यादा मान्यता राजस्थान में है क्योंकि यहीं इनका जन्म स्थान भी है। हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि पर इनकी प्राकट्य उत्सव मनाया जाता है। इस मौके पर रामदेवरा में विशाल मेले का आयोजन भी होता है। यहीं पर बाबा रामदेव की समाधि भी है। आगे जानिए कौन थे बाबा रामदेव…
ये भी पढ़ें-
Hartalika Teej Vrat Katha: हरतालिका तीज पर सुनें ये रोचक कथा, बना रहेगा सौभाग्य
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, बाबा रामदेव का जन्म 14वीं शताब्दी में तंवर राजपूत परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम अजमलजी और माता का मैणादे था। पहले अजमलजी जैसलमेर के वारुछांह गांव में रहते थे, बाद में रुणीचा (जैसलमेर) में आकर बस गए। रामदेवजी के गुरु ऋषि बालीनाथ थे, जो महान तपस्वी और सिद्ध पुरुष थे। रामदेवजी का विवाह अमरकोट के राजा दलजी सोढ़ा की बेटी नेतलदे से हुआ था। बाबा रामदेव ने अपने जीवन में अनेक अच्छे कार्य किए, जिससे लोग उन्हें भगवान की तरह पूजने लगे, कुछ लोग तो इन्हें भगवान श्रीकृष्ण का अवतार भी मानते हैं। जब बाबा रामदेव को लगा कि उनके जीवन का लक्ष्य पूरा हो गया तो उन्होंने जीवित समाधि ले ली। आज भी रामदेवरा में बाबा रामदेव की समाधि लोगों की आस्था का केंद्र है।
ये भी पढ़ें-
Surya Grahan 2025: सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर होगा सूर्य ग्रहण, क्या ये भारत में दिखाई देगा?
मान्यताओं के अनुसार, किस समय राजस्थान के पोकरण में भैरव नाम के राक्षस का आतंक था। जब ये बात बाबा रामदेव को पता चली तो वे पोकरण आए उत्तर दिशा की तरफ स्थित पहाड़ी पर उस राक्षस को एक गुफा में कैद कर दिया। जिससे सभी लोग उन्हें अवतारी पुरुष मानने लगे। बाबा रामदेव ने अपने जीवन में छुआछूत, जात-पात और धर्म के आधार पर फैली कुरीतियों को मिटाने के लिए बहुत कार्य किया। इसलिए मुस्लिम समाज के लोग भी बाबा रामदेव के प्रति गहरी आस्था रखते हैं और उन्हें रामसा पीर के नाम से पूजते हैं। रामदेवजी के प्राकट्य दिवस के मौके पर उनका समाधि स्थल यानी रामदेवरा में हर साल विशाल मेला लगता है, जिसमें लाखों भक्त दूर-दूर से आते हैं। कुछ भक्त को सैकड़ों किमी पैदल चलकर यहां पहुंचते हैं।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।