
Kab Hai Dussehra 2025: शारदीय नवरात्रि समाप्त होने के दूसरे दिन दशहरा पर्व मनाया जाता है। इसे विजयादशमी भी कहते हैं। इस बार दशहरा 2 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। इस दिन बुराई के प्रतीक रावण के पुतलों का दहन करने की परंपरा है। रावण से जुड़ी अनेक कथाएं धर्म ग्रंथों में मिलती हैं। रावण को उसके जीवन काल में अनेक महिलाओं ने श्राप दिया। यही श्राप उसके सर्वनाश का कारण भी बने, लेकिन बहुत कम लोग इन महिलाओं के बारे में जानते हैं। आगे जानिए किन-किन महिलाओं ने रावण को श्राप दिया था…
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रावण की पत्नी मंदोदरी की बड़ी बहन का नाम माया था। माया के पति शंभर वैजयंतपुर के राजा थे। एक दिन रावण जब वैजयंतपुर गया। उसी समय राजा दशरथ ने वैजयंतपुर पर आक्रमण कर दिया, इस युद्ध में शंभर की मृत्यु हो गई। जब माया अपने पति के वियोग में सती होने लगी तो रावण ने उसे अपने साथ चलने को कहा। माया पतिव्रता स्त्री थी, उसने रावण के साथ जाने से इंकार कर दिया और श्राप दिया कि एक स्त्री ही तुम्हारे विनाश का कारण बनेगी।
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धर्म ग्रंथों के अनुसार एक बार रावण अपने पुष्पक विमान से आकाश में विचरण कर रहा था। तभी उसे एक सुंदर स्त्री दिखाई दी, जो तपस्या कर रही थी। रावण उसकी सुंदरता पर मोहित हो गया और उसके बाल पकड़कर अपने साथ ले जाने लगा। उस तपस्विनी स्त्री ने अपने तपोबल से उसी क्षण अपनी देह त्याग दी और रावण को श्राप दिया कि एक स्त्री के कारण ही तेरी मृत्यु होगी।
रावण की बहन शूर्पणखा थी, ये बात तो सभी जानते हैं लेकिन ये बात बहुत कम लोगों को पता है कि शूर्पणखा ने भी रावम को श्राप दिया था। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, शूर्पणखा के पति का नाम विद्युतजिव्ह था, वो कालकेय नाम के राजा का सेनापति था। रावण जब विश्व विजय पर निकला तो कालकेय से उसका भयंकर युद्ध हुआ। इस युद्ध में विद्युतजिव्ह भी मारा गया। तब शूर्पणखा ने मन ही मन में रावण को श्राप दिया कि मेरे ही कारण एक दिन तुम्हारा सर्वनाश होगा।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, एक बार स्वर्ग की अप्सरा रंभा कुबेर के पुत्र नलकुबेर से मिलने जा रही थी। रावण ने जब उसे देखा तो वह रंभा के रूप पर मोहित हो गया। रावण ने रंभा को बुरी नीयत से रोक लिया और उसके साथ दुराचार किया। जब ये बात नलकुबेर को पता चली तो उसने रावण को श्राप दिया कि अगर रावण ने किसी महिला की इच्छा के विरुद्ध उसे अपने महल में रखा तो उसी क्षण उसकी मृत्यु हो जाएगी। इसी कारण रावण ने देवी सीता को अपने राजमहल में न रखते हुए अशोक वाटिका में रखा था।
रावण ने जब देवी सीता का हरण किया तो उस समय विभीषण आदि बहुत से लोगों ने उसे समझाने का प्रयास किया। लेकिन रावण नहीं माना। इसी के परिणाम स्वरूप रावण के साथ-साथ उसके पूरे परिवार और लंका का सर्वनाश हो गया। इस तरह देवी सीता रावण के सर्वनाश का मुख्य कारण बनीं।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।