Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि के दौरान अनेक नियमों का पालन करना जरूरी माना गया है। इस दौरान यदि कोई नियम टूट जाए तो इसके पश्चाताप कैसे करें? हमारे धर्म ग्रंथों में इसके बारे में भी विस्तृत रूप से बताया गया है।

Shardiya Navratri 2025 Interesting Question Answers: इस बार शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू हो चुकी है जो 1 अक्टूबर तक मनाई जाएगी। इस दौरान रोज देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा भी की जाएगी। नवरात्रि के दौरान अनेक नियमों का पालन करना सभी के लिए जरूरी माना गया है। ऐसे में यदि गलती से व्रत टूट जाए तो अखंड ज्योत बुझ जाए तो क्या करना चाहिए, इसके बारे में भी धर्म ग्रंथों में बताया गया है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. नलिन शर्मा से जानें इन सभी सवालों के जवाब…

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नवरात्रि व्रत टूट जाए तो क्या करें?

अगर गलती से नवरात्रि व्रत टूट जाए तो तुरंत देवी मां से क्षमा मांगे और 11 बार क्षमा प्रार्थना स्तोत्र का कर ब्राह्मणों को अपनी इच्छा अनुसार, दान-दक्षिणा दें। यदि बीमारी या अन्य किसी शारीरिक अक्षमता के कारण व्रत टूट जाए तो मां भगवती से मन ही मन में क्षमा मांग लें। इससे आपको दोष नहीं लगेगा। इस बात का ध्यान रखें कि अपनी क्षमता के अनुसार ही व्रत का संकल्प लेना चाहिए।

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अखंड दीपक बुझ जाये तो क्या करें?

नवरात्रि में माता की प्रतिमा की स्थापना के साथ ही अखंड ज्योति भी जलाई जाती है। कईं बार अखंड ज्योति बुझ भी जाती है तब क्या करें? विद्वानों का मत है कि अखंड ज्योति के पास ही एक छोटा कर्म दीपक भी स्थापित करना चाहिए। अगर गलती से अखंड ज्योति बुझ जाए तो कर्म दीप से इन्हें फिर से जला लें और देवी से क्षमा याचना करें। इससे आपको कोई दोष नहीं लगेगा।

नवरात्रि व्रत के दौरान मासिक धर्म शुरू हो जाये तो क्या करें?

नवरात्रि के दौरान कईं बार महिलाओं का मासिक धर्म शुरू हो जाता है। ऐसी स्थिति में उन्हें क्या करना चाहिए? इसके बारे में विद्वानों का मत है कि अगर किसी महिला के सामने ऐसी स्थिति बन जाए तो उसे अपने व्रत पूरे करना चाहिए लेकिन देवी प्रतिमा के पास जाने और पूजा-पाठ करने से बचना चाहिए। इस दौरान मानसिक नाम जप किया जा सकता है।

कलश गिर जाये तो क्या करें?

नवरात्रि के पहले दिन देवी प्रतिमा स्थापना के साथ ही कलश भी स्थापित किया जाता है जो पूरे 9 दिन ऐसे ही रहता है। नवरात्रि में इसकी भी पूजा की जाती है। अगर गलती से ये कलश गिर जाए तो इसे अमंगल का संकेत माना जाता है। अगर ऐसा हो जाए तो देवी मां से क्षमा याचना करते हुये इसे पुन: अपने स्थान पर स्थापित कर दें और देवी से संकट टालने की प्रार्थना करें।

नवरात्रि में उगाये जवारों का क्या करें?

नवरात्रि के पहले दिन ही जवारे भी बोए जाते हैं। नवरात्र के समाप्त होते-होते ये बड़े हो जाते हैं। इन जवारों को देवी प्रतिमा के साथ ही जल में प्रवाहित कर देना चाहिए। यदि ऐसा न कर पाएं तो इसे अपने पूजा स्थल पर भी रख सकते हैं या धन स्थान पर। इस बात का ध्यान रखेंकि ये जवारे देवी मां की कृपा का प्रतीक होते हैं, इनका किसी भी प्रकार से अनादर न हो।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।