एक साल में कितनी संक्रांति होती है? जीनियस ही दे सकते हैं जवाब

Makar Sankranti 2025: हर साल जनवरी में मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। आमतौर पर लोग सिर्फ इस एक दिन को ही संक्रांति के रूप में जानते हैं। जबकि साल में हर महीने में संक्रांति होती है। जानें संक्रांति से जुड़ी रोचक बातें…

 

Makar Sankranti Importance: हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। 2025 में भी ये पर्व इसी दिन मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में इसे बहुत ही शुभ दिन मानते हैं। आमतौर पर लोग सिर्फ मकर संक्रांति के बारे में सिर्फ इतना ही जानते हैं कि ये दिन पवित्र नदी में स्नान करने और दान के लिए विशेष है। लेकिन इसके पीछे का साइंस बहुत कम लोगों को पता है। आम लोग ये भी नहीं जानते कि एक साल में कितनी संक्रांति होती है? आगे जानिए संक्रांति से जुड़ी खास बातें…

क्या होती है संक्रांति?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सौर मंडल का प्रत्येक ग्रह एक निश्चित समय पर राशि बदलता है। सूर्य भी इन ग्रहों में से एक है। सूर्य हर 30 दिन में राशि बदलता है। सूर्य के इस राशि परिवर्तन को ही संक्रांति कहते हैं। जैसे सूर्य जब धनु राशि में प्रवेश करता है तो इसे धनु संक्रांति कहते हैं और जब मेष राशि में जाता है तो इसे मेष संक्रांति कहते हैं। इस तरह सूर्य 12 महीनों में 12 राशियों का चक्र पूरा करता है। यानी एक साल में कुल 12 संक्रांति होती है।

Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति पर कैसे करें पूजा? 

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मकर संक्रांति का ही खास महत्व क्यों?

धर्म ग्रंथों के अनुसार, एक साल में कुल 12 संक्रांति होती है, लेकिन इन सभी में मकर संक्रांति का ही महत्व सबसे ज्यादा होता है। इसके पीछे एक खास कारण है जो साइंस से जुड़ा है। वैज्ञानिक भाषा में समझें तो इस दिन से सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध की ओर गति करने लगता है जिससे दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। दिन बड़े होने से पृथ्वी पर सूर्य की किरणें ज्यादा समय तक रहती है जिससे फसलें पकती हैं और बारिश के लिए अनुकूलता बनती है। इसी महत्व को समझते हुए हमारे ऋषि-मुनियों ने मकर संक्रांति का महत्व अन्य संक्रांति से अधिक माना है।

इसलिए कहते हैं उत्तरायण

गुजरात में मकर संक्रांति का पर्व उत्तरायण के नाम से मनाया जाता है। उत्तरायण का अर्थ है उत्तर दिशा की ओर गति। हमारे ऋषि-मुनि जानते थे कि सूर्य को 2 गतियां हैं- दक्षिणायन और उत्तरायण। इनमें से उत्तरायण हमारे लिए बहुत उपयोगी है। इसलिए उन्होंने इस पर्व को धर्म के साथ जोड़ा ताकि लोग इसका महत्व समझ सकें।


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Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।
 

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