
Nirjala Ekadashi 2024 Date: पुराणों के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते हैं। साल भर की 24 एकादशी में से इसका महत्व सबसे अधिक माना गया है, इसलिए इसे सबसे बड़ी एकादशी भी कहा जाता है। इस व्रत में पूरे दिन बिना खाए-पिए रहना होता है, इसलिए इसका नाम निर्जला है। इस बार पंचांग भेद के कारण ये व्रत 17 व 18 जून यानी 2 दिन किया जाएगा। इस दिन यदि कुछ खास उपाय किए जाएं तो घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। आगे जानिए इन उपायों के बारे में…
जरूरतमंदों को दान करें
निर्जला एकादशी पर दान की विशेष महत्व है। इस दिन जरूरतमंदों को पानी से भरा घड़ा दान करने की परंपरा है। इसके अलावा इस दिन कच्चा अनाज, रसेदार फल, भोजन, कपड़े, जूते-चप्पल, छाता आदि चीजों का दान भी करना चाहिए। इससे शुभ फल मिलते हैं।
तुलसी पर दीपक लगाएं
निर्जला एकादशी की शाम को तुलसी के पौधे के पास गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं और तुलस के पौधे की 7 परिक्रमा करें। संभव हो तो तुलसी नामाष्टक का जाप भी करें। इससे आपके घर में धन, यश और वैभव बना रहता है और आने वाले संकट टल जाते हैं।
भगवान को पीले वस्त्र अर्पित करें
निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु को पीले वस्त्र अर्पित करें। बाद में इन वस्त्रों को किसी योग्य ब्राह्मण को दान कर दें, साथ में कुछ दक्षिणा भी जरूर दें। भगवान विष्णु को पीतांबरधारी भी कहते हैं यानी पीले वस्त्र पहनने वाले। इसलिए इन्हें पीले वस्त्र चढ़ाने का विशेष महत्व है।
भगवान विष्णु का अभिषेक करें
निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा का अभिषेक गाय के दूध से करें। संभव हो तो अभिषेक के लिए किसी बर्तन की बजाए दक्षिणावर्ती शंख का उपयोग करें। इस उपाय से धन लाभ के योग बन सकते हैं और आपके जीवन से गरीबी दूर हो सकती है।
ये चीजें भी चढ़ाएं
निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु को कईं चीजें खास तौर पर चढ़ानी चाहिए जैसे बांसुरी, मोरपंख या मोर मुकुट आदि। ये सभी चीजें श्रीकृष्ण अवतार के स्वरूप से जुड़ी हुई है। इस उपाय से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।