Kab Hai Ram Navmi 2024: राम नवमी पर कहां काटी जाती है रावण के पुतले की नाक, कैसे शुरू हुई ये परंपरा?

Published : Apr 11, 2024, 10:02 AM IST
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सार

Ram Navami 2024 Kab Hai: इस बार राम नवमी का पर्व 17 अप्रैल, बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन देश के अलग अलग-अलग स्थानों पर विशेष परंपराएं निभाई जाती हैं। ऐसा ही एक आयोजन मध्य प्रदेश के मंदसौर में भी होता है। 

Unique traditions of Ram Navami: हर साल चैत्र शुक्ल नवमी तिथि पर राम नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 17 अप्रैल, बुधवार को है। मान्यता के अनुसार, त्रेतायुग में इसी तिथि पर भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। इस मौके पर देश भर में कईं विशेष आयोजन किए जाते हैं। राम नवमी पर मध्य प्रदेश के एक गांव में 3 दिवसीय मेला लगता है, इस दौरान यहां रावण के पुतले की नाक भी काटी जाती है। इस मेले में लाखों लोग शामिल होते हैं। आगे जानिए इस परंपरा से जुड़ी खास बातें…

कहां काटी जाती है रावण के पुतले की नाक?
राम नवमी के मौके पर मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित चिकलाना गांव में 3 दिनों तक मेला लगता है। 3 दिनों के इस मेले में सांस्कृतिक आयोजन जैसे भजन आदि भी होते हैं। मेले के अंतिम दिन शाम को एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान रावण के पुतले की नाक काटी जाती है।

कितने साल पुरानी है ये परंपरा?
चिकलाना मध्य प्रदेश का एक छोटा सा गांव है। यहां ये परंपरा कैसे शुरू हुई इसके बारे में कोई नहीं जानता। पिछले लगभग 100 सालों से अधिक समय से ये परंपरा गांव के लोग निभा रहे हैं। यहां के लोगों को कहना है कि रावण ने माता सीता का अपहरण कर नारी जाति का अपमान किया था, इसलिए हर साल रावण की नाक काटकर उसे अपमानित किया जाता है।

भाले से काटते हैं रावण के पुतले की नाक
चिकलाना गांव में रावण का पुतला स्थाई रूप से बना हुआ है। हर साल राम नवमी से पहले इस पर रंग-रोगन किया जाता है और काटी गई नाक को दोबारा बनाया जाता है। इसके बाद राम नवमी पर पुन: रावण के पुतले की नाक भाले से काटकर ये उत्सव मनाया जाता है। इस परंपरा को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। स्थानीय मुस्लिम भी इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।


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