Kab Hai Tulsi Vivah 2024: कब करें तुलसी विवाह? जानें सही डेट और कथा

Tulsi Vivah 2024 Kab Hai: हिंदू धर्म में तुलसी को बहुत ही पवित्र माना जाता है। हर साल देवप्रबोधिनी एकादशी पर तुलसी विवाह करने की परंपरा है। जानें इस बार तुलसी विवाह की डेट और कथा।

 

Manish Meharele | Published : Nov 7, 2024 10:57 AM IST

Kyo Karvate hai Tulsi Vivah: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहते हैं। इस एकादशी को देवप्रबोधिनी और देवोत्थान एकादशी भी कहते हैं। मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु 4 महीने के शयन के बाद जागते हैं। इस एकादशी से अनेक परंपराएं जुड़ी हुई हैं, तुलसी विवाह भी इनमें से एक है। इस परंपरा के अंतर्गत तुलसी के पौधे का विवाह शालिग्राम शिला जिसे भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है, से करवाया जाता है। जानें इस बार कब है तुलसी विवाह और इससे जुड़ी कथा…

कब है तुलसी विवाह 2024?

इस बार कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी 11 नवंबर, सोमवार की शाम 06:46 से शुरू होगी, जो 12 नवंबर, मंगलवार की शाम 04:05 तक रहेगी। चूंकि एकादशी तिथि का सूर्योदय 12 नवंबर को होगा, इसलिए इसी दिन देवउठनी एकादशी का व्रत किया जाएगा। इसी दिन तुलसी विवाह भी किया जाएगा।

Latest Videos

ऐसे शुरू हुई तुलसी विवाह की परंपरा (Tulsi Vivah Ki Katha)

- शिवमहापुराण के अनुसार, किसी समय शंखचूड़ नाम का एक महापराक्रमी राक्षस था। उसका विवाह धर्मध्वज की पुत्री तुलसी से हुआ था। तुलसी महान पतिव्रता स्त्री थी। तुलसी के पातिव्रत्य के कारण शंखचूड़ का पराक्रम और भी बढ़ गया।
- शंखचूड़ ने अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए स्वर्ग पर अधिकार कर लिया तब सभी देवता भगवान विष्णु के पास गए। भगवान विष्णु ने बताया कि शंखचूड़ का वध तो सिर्फ भगवान शिव के त्रिशूल से ही हो सकता है।
- सभी देवता शिवजी के पास गए। देवताओं की बात सुनकर महादेव युद्ध के लिए तैयार हो गए। महादेव और शंखचूड़ की सेना युद्ध भूमि में आमने-सामने आ गई और दोनों के बीच भयंकर युद्ध होने लगा।
- जैसे ही महादेव ने शंखचूड़ को मारने के लिए अपना त्रिशूल उठाया, तभी आकाशवाणी हुई कि ‘जब तक इसकी पत्नी तुलसी का सतीत्व अखंडित है, तब तक इसका वध संभव नहीं होगा।’
- तब भगवान विष्णु शंखचूड़ का रूप बनाकर तुलसी के पास गए और उसका सतीत्व खंडित कर दिया। ऐसा होते ही शिवजी ने शंखचूड़ का वध कर दिया। सच्चाई जानकर तुलसी बहुत दुखी हुई।
- तुलसी ने भगवान विष्णु को पत्थर हो जाने का श्राप दे दिया। भगवान विष्णु ने वो श्राप स्वीकार किया और कहा कि ‘देवी, तुम धरती पर गंडकी नदी और तुलसी के रूप में अवतार लोगी।’
- भगवान विष्णु ने ये भी कहा कि ‘तुम्हारे श्राप से मैं पाषाण (शालिग्राम) बनकर उसी गंडकी नदी में निवास करूंगा। धर्मालुजन तुलसी और शालिग्राम शिला का विवाह कर पुण्य अर्जन करेंगे।’
- हर साल देवउठनी एकादशी पर तुलसी- शालिग्राम का विवाह करवाया जाता है। इसी के साथ शुभ कार्यों की शुरूआत भी होती है। तुलसी-शालिग्राम विवाह करवाने से पुण्य फलों में वृद्धि होती है।


ये भी पढ़ें-

Khatu Shyam Birthday 2024 Kab Hai: कब है भगवान खाटूश्याम का जन्मदिन?


11 या 12 नवंबर, कब है देवप्रबोधनी एकादशी 2024? जानें पूजा विधि-मंत्र और मुहूर्त


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

Share this article
click me!

Latest Videos

US Election Results 2024: PM Modi ने किया Donald Trump को फोन, दोनों नेताओं के बीच क्या हुई बात ?
Sharda Sinha: पंचतत्व में विलीन हुईं शारदा सिन्हा, नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई
US Election Result 2024: Donald Trump के हाथों में आएगा न्यूक्लियर ब्रीफकेस, जानें और क्या-क्या होगा
सिर्फ 20 मिनट में हुआ खेल और करोड़ों के फोन हो गए गायब, जयपुर के इस CCTV ने उड़ा दिए लोगों के होश
Gopashtami 2024: जानें कब है गोपाष्टमी, क्या है इस पूजा का महत्व