Kabir Jayanti 2023: जब संत कबीर ने दोपहर में पत्नी से जलवाई लालटेन तो क्या हुआ?

Published : Jun 03, 2023, 10:34 AM ISTUpdated : Jun 03, 2023, 01:11 PM IST

Kabir Jayanti 2023: हमारे देश में अनेक विद्वान हुए, जिन्होंने आडंबरों का घोर विरोध किया और मानवता को सही रास्ता दिखाया। संत कबीर भी इनमें से एक थे। ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को इनकी जयंती मनाई जाती है। इस बार संत कबीर की जयंती 4 जून, रविवार को है। 

PREV
13
संत कबीर से सीखें लाइफ मैनेजमेंट...

संत कबीर भारत का विद्वानों में से एक थे। उन्होंने जीवन भर आडंबरों को विरोध किया और हमेशा मानवता की राह पर चलने के लिए लोगों को प्रेरित किया। आज भी इनके लाखों अनुयायी हैं। हर साल ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा पर संत कबीर (Kabir Jayanti 2023) की जयंती मनाई जाती है। इस बार ये तिथि 4 जून, रविवार को है। संत कबीर की जयंती के मौके पर हम आपको इनसे जुड़े कुछ प्रेरक प्रसंग (Sant Kabir Ke Kisse) बता रहे हैं, जो हमारे लिए काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं। ये हैं संत कबीर के प्रसंग…

जब संत कबीर में दोपहर में पत्नी को लालटेन जलाने को कहा…
एक बार संत कबीर से मिलने एक सज्जन आए। उन्होंने बताया कि “मेरा मेरी पत्नी के राज रोज विवाद होता है, इस कारण मैं बहुत परेशान रहता हूं। मेरी यह परेशानी कैसे दूर हो सकती है?”
कुछ देर तक संत कबीर चुप रहे और फिर उन्होंने अपनी पत्नी को आवाज लगाकर कहा कि “लालटेन जलाकर लाओ।”
पत्नी ने ऐसा ही किया। वह आदमी सोचने लगा कि दोपहर के समय कबीरजी ने लालटेन क्यों जलवाई है?
कुछ देर बाद कबीर ने पत्नी को आवाज देकर कहा कि “ खाने के लिए कुछ मीठा दे जाना।”
कुछ देर बाद उनकी पत्नी मीठे के बजाय नमकीन देकर चली गई।
कबीर ने उस व्यक्ति से पूछा “क्या तुम्हें तुम्हारी परेशानी का हल मिला?”
उस व्यक्ति ने कहा “ नहीं, मेरी तो कुछ समझ में नहीं आया।”
कबीर ने कहा कि “जब मैंने पत्नी से लालटेन मंगवाई तो वो ये बोल सकती थी कि दोपहर में लालटेन की क्या जरूरत है? लेकिन उसने ऐसा नहीं कहा। उसने सोचा कि किसी जरूरी काम के लिए ही लालटेन मंगवाई होगी।”
“जब मैंने मीठा मंगवाया तो मेरी पत्नी नमकीन देकर चली गई। हो सकता है घर में कुछ मीठा न हो, ये सोचकर मैं चुप रहा।”
कबीर ने उस व्यक्ति से कहा “यही दांपत्य जीवन की सफलता का रहस्य है। पति-पत्नी के बीच तालमेल होना बहुत जरूरी है। दोनों को एक-दूसरे की बातें समझनी चाहिए। तभी वैवाहिक जीवन खुशहाल रह सकता है।”
संत कबीर ने इस तरह उस व्यक्ति को सुखी वैवाहिक जीवन का सूत्र दिया।

23
जब युवक के सवाल पूछने पर कबीर में खूंटे पर हथौड़ा दे मारा…

एक युवक कबीर के पास आया और बोला, “गुरुजी, मैंने यहां रहकर आपसे संपूर्ण शिक्षा प्राप्त कर ली है, फिर भी मेरे माता-पिता मुझे रोज आपके सत्संग सुनने के लिए भेज देते हैं। रोज-रोज वही बातें सुनने से भला क्या लाभ होगा?”
कबीर ने उस युवक की बात का कोई जवाब नहीं दिया और हथौड़ी उठाकर जमीन पर गड़े एक खूंटे पर जोर से मार दी। ये देख युवक वहां से चला गया।
अगले दिन वह युवक फिर कबीर के पास आया और वही बात दोहराई। इस बार भी कबीर ने वही किया। ऐसा ही अगले दिन भी हुआ।
ये देख युवक ने नहीं रहा गया और और पूछा “मैं रोज आपसे एक प्रश्न पूछता हूं और आप रोज खूंटे पर हथौड़ी मारते हो, ऐसा क्यों?”
संत कबीर ने कहा कि “खूंटे पर रोज हथौड़ी मारकर जमीन में इसकी पकड़ को मजबूत कर रहा हूं। ऐसा न करने पर ये हल्की सी खींचतान में निकल सकता है।”
“सत्संग भी हमारे लिए यही करता है। रोज सुना जाने वाला सत्संग हमारे मनरूपी खूंटे पर निरंतर प्रहार करता है, ताकि उसका प्रभाव हमारे अंतर्मन में अंदर तक उतर जाए।”

33
जब संत कबीर को बेटे को खुद पर हो गया घमंड…

संत कबीर के बेटे का नाम कमाल था। एक बार जब संत कबीर घर में नहीं तो कुछ लोग एक युवक को मृतप्राय स्थिति में उनके घर लेकर आए। कमाल ने राम नाम बोलकर गंगाजल उसके मुख में डाल दिया तो वह ठीक हो गया। ये बात कमाल ने अपने पिता को बताई। कमाल की बातों से कबीर को ये लग गया कि उनके बेटे को स्वयं पर अहंकार हो गया है।
अगले दिन कबीर ने बेटे कमाल को एक चिट्ठी दी और इसे एक संत को देकर आने को कहा। कमाल ने पिता के बताए संत को वह चिट्ठी दे दी। उस चिट्ठी में लिखा था “कमाल भयो कपूत, कबीर को कुल गयो डूब।”
आश्चर्य की बात ये थी कि वो संत देख नहीं सकते थे, फिर भी उनके यहां बीमार और दुखियों की लाइन लगी हुई थी। संत ने उन सभी पर एक साथ गंगाजल छिड़क दिया, जिससे उनकी बीमारियां दूर हो गई। ये देखकर कमाल को बड़ा आश्चर्य हुआ। तभी संत ने कहा कि पीछे नदी में एक युवक डूब रहा है, उसे बचा लाओ।
कमाल ने ऐसा ही किया। जब कमाल संत के लौटकर आया तो उसने अपने पिता द्वारा भेजे गए उस पत्र को पढ़ा। उसे समझ आ गया कि पिता ने मेरा अहंकार दूर करने के लिए मुझे यहां भेजा है।


ये भी पढ़ें-

June 2023 Shubh Muhurat: जून के बाद 5 महीने तक नहीं बजेगी शहनाई, जानें इस महीने में कब-कब हैं विवाह के मुहूर्त?


Jyeshtha Purnima 2023: सौभाग्य बढ़ाने के लिए 3 जून को करें ये 5 उपाय


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।

Recommended Stories