Kalka Ji Mandir Delhi: ग्रहण में भी बंद नहीं होता दिल्ली का कालकाजी मंदिर, श्रीकृष्ण-पांडवों ने की थी पूजा!

kalkaji mandir news today: बीती रात दिल्ली के कालकाजी मंदिर में हादसे के दौरान 17 लोग घायल और 1 महिला की मौत हो गई। ये हादसा मंच गिरने के कारण हुआ। दिल्ली का ये मंदिर काफी प्राचीन है और यहां रोज हजारों लोग दर्शन करने आते हैं।

 

Manish Meharele | Published : Jan 28, 2024 5:08 AM IST / Updated: Jan 28 2024, 10:39 AM IST

Kalkaji Mandir Hadasa: दिल्ली के प्रसिद्ध कालकाजी मंदिर में बीती रात हुए हादसे में 17 लोग घायल हो गए, वहीं 1 महिला की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि 27 जनवरी को यहां जागरण का कार्यक्रम रखा गया था, जिसमें आयोजकों ने मशहूर सिंगर बी प्राक को बुलाया था। इस दौरान मंच पर ज्यादा लोग चढ़ गए, जिससे वह गिरा गया और इसके नीचे काफी लोग दब गए। आगे जानिए क्यों खास है दिल्ली का कालकाजी मंदिर…

दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक
दिल्ली में कालकाजी मंदिर लोटस टेंपल और इस्कॉन के नजदीक स्थित है। यहां रोज हजारों लोग दर्शन करने आते हैं। ये मंदिर कालका देवी को समर्पित है। नवरात्रि व अन्य विशेष मौकों पर यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है। ये मंदिर दिल्ली के प्रसिद्ध स्थानों में से एक है। वैसे तो ये मंदिर काफी प्राचीन है, लेकिन वर्तमान जो मंदिर यहां स्थित है, उसका निर्माण बाबा बालकनाथ ने मुगल काल के दौरान करवाया था। बाद में हिंदुओं ने मिलकर इस मंदिर के आस-पास दीवारें, धर्मशाला आदि का निर्माण करवाया।

श्रीकृष्ण ने पांडवों के साथ की थी पूजा
मान्यता है कि द्वापर युग में इसी कालका मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण और पांडवों ने युद्ध से पहले मां कालका की पूजा कर उन्हें प्रसन्न किया था। बाद में बाबा बालकनाथ ने यहां तपस्या की और उन्हें देवी के दर्शन भी यहीं हुए थे। इस मंदिर का निर्माण ईंट तथा संगमरमर के पत्थरों से हुआ है। गर्भ गृह में माता का शक्ति पीठ विराजमान है।

ये है कालकाजी मंदिर की विशेषता
कालकाजी के इस मंदिर में कुल 12 दरवाजे बनाए गए हैं जो 12 महीनों का प्रतीक माने जाते हैं। हर दरवाजे के पास माता के विभिन्न स्वरूपों के चित्र बनाए गए हैं। मंदिर की परिक्रमा करते समय 36 मातृकाओं (हिन्दी वर्णमाला के अक्षर) के चिह्न दिखाई देते हैं। मान्यता है कि ग्रहण के दौरान सभी ग्रह इन 36 मातृकाओं के अधीन होते हैं, यही कारण है कि जब ग्रहण के दौरान सभी मंदिर बंद हो जाते हैं, उस समय भी ये मंदिर खुला रहता है।


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