Kharmas 2023: साल में कितनी बार आता है खरमास-क्या है खर का अर्थ? बहुत कम लोग जानते हैं इससे जुड़ी ये 5 बातें

Kharmas 2023: इस बार खर मास 15 मार्च 2023 से शुरू हो चुका है, जो 14 अप्रैल 2023 तक रहेगा। धर्म ग्रंथों में खर मास का विशेष महत्व बताया गया है। हर साल ये मास इसके निश्चित समय पर ही आता है। ये मास ईश्वर भक्ति के लिए उत्तम बताया गया है।

 

Manish Meharele | Published : Mar 15, 2023 11:18 AM IST

16
जानें खर मास से जुड़ी खास बातें...

हिंदू धर्म में कई परंपराएं और मान्यताएं हैं। ऐसी ही कुछ मान्यताएं खर मास से भी जुड़ी हैं। खर मास का महत्व कई धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस बार खर मास (Kharmas 2023) 15 मार्च 2023 से शुरू होकर 14 अप्रैल 2023 तक रहेगा। इस दौरान कई बातों का ध्यान रखा जाता है जैसे विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं किए जाए। और भी कई बातें खर मास को खास बनाती हैं। (Interesting facts related to Kharmas) खर मास में जुड़ी कई ऐसी बातें हैं जो आमजन नहीं जानते हैं। आज हम आपको खर मास से जुड़ी ऐसी ही 5 बातें बता रहे हैं। आगे जानिए खर मास से जुड़ी इन 5 बातों के बारे में…
 

26
खर मास क्या है?

खर मास सूर्य से संबधित है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा जब पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी कर लेता है तो वह चंद्र मास कहलाता है और सूर्य एक राशि में जितने समय रहता है, वो उसका एक सौर मास कहलाता है। सूर्य हर 30 दिन में राशि बदलता है। जब सूर्य गुरु के स्वामित्व की राशि (धनु और मीन) में रहता है है तो वह समय खर मास कहलाता है।


 

36
क्या होता है खर का अर्थ?

खर का अर्थ है गधा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार सूर्य के रथ के घोड़े चलते-चलते समय बहुत थक गए, तब सूर्यदेव ने उन घोड़ों को रथ से निकालकर उनके स्थान पर गधों को अपने रथ में जोत लिया। एक महीने तक सूर्यदेव का रथ गधों ने ही चलाया। चूंकि गधे घोड़ों की तरह तेज नहीं चल पाते थे फिर भी जैसे-तैसे एक महीने तक यही क्रम चलता है। यही समय खर मास कहलाया।
 

46
साल में कितनी बार आता है खर मास

एक साल में खर मास दो बार आता है। दोनों ही बार इसका समय निश्चित होता है। सौर वर्ष के अनुसार, सूर्य मेष से लेकर मीन तक हर राशि में 30 दिन तक रहता है। इस दौरान जब सूर्य गुरु के स्वामित्व की राशि धनु और मीन राशि में रहता है तो इसे खर मास कहते हैं। 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक सूर्य धनु राशि में और 15 मार्च से 14 अप्रैल तक मीन राशि में रहता है। ये दोनों ही सौर मास खर मास कहलाते हैं।

56
इस दौरान क्यों नहीं करते शुभ कार्य?

खर मास के दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि नहीं किया जाता है। इसके पीछे धार्मिक कारण है। मान्यता के अनुसार, धनु और मीन दोनों ही गुरु की राशियां हैं, जब सूर्य इन राशियों में प्रवेश करता है तो ऐसा माना जाता है कि सूर्य अपने गुरु की सेवा में लगे हैं। सूर्य की ये स्थिति शुभ कार्यों के लिए उचित नहीं मानी जाती है। यही कारण है कि खर मास में मांगलिक कार्य नहीं किए जाते।
 

66
खर मास में कौन-से काम करने चाहिए?

खर मास के दौरान भगवान की पूजा, उपाय, स्नान-दान आदि करने का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। चूंकि खर मास सूर्य से संबंधित है, इसलिए इस महीने में रोज सुबह जल्दी उठकर सूर्यदेव को जल चढ़ाना चाहिए। इस मास में भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस मास में की गई पूजा, उपाय और स्नान-दान का फल कई गुना होकर प्राप्त होता है।


ये भी पढ़ें-

Ram Navami 2023 Puja Muhurat: राम नवमी 30 मार्च को, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र और आरती


Ram Navami 2023 Shubh Yog: दुर्लभ योगों में मनाई जाएगी राम नवमी, कई दशकों में एक बार बनती है ग्रहों की ऐसी स्थिति


Dream Astrology: सपने में इन 5 पशु-पक्षियों का दिखना माना जाता है शुभ, जानें इन खास संकेतों के बारे में


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।


 

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos