
The interesting story of Ghatotkacha: कुरुक्षेत्र में कौरव और पांडवों के बीच हुए युद्ध में दोनों पक्षों के अनेक पराक्रमी योद्धा मारे गए। इस युद्ध में पांडव पक्ष का एक ऐसा योद्धा मारा गया जो बहुत शक्तिशाली था। ये योद्धा इतना बलशाली था कि वो कुछ ही समय में कौरवों को हराकर पांडवों को जीत दिला सकता है लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि पांडवों के इस योद्धा के मरने पर भगवान श्रीकृष्ण बहुत खुश हुए थे। आगे जानिए कौन था वो योद्धा और उसके मरने पर श्रीकृष्ण क्यों खुश हुए…
ये भी पढ़ें-
Shukrwar Upay: पैसा चाहिए? शुक्रवार को देवी लक्ष्मी को चढ़ाएं 5 चीजें
महाभारत के अनुसार, भीम का पुत्र घटोत्कच राक्षस जाति का था। राक्षस जाति का होने से उसके पास अनेक दिव्य और मायावी शक्तियां थीं। जब घटोत्कच पांडवो की ओर से युद्ध करने उतरा तो उसने कौरवों की सेना में खलबली मचा दी। देखते ही देखते कौरवों की सेना में भगदड़ मच गई। कौरवों के सेनापति गुरु द्रोणाचार्य भी घटोत्कच का वध करने में असमर्थ थे। तब दुर्योधन अपने मित्र कर्ण के पास गए और घटोत्कच को रोकने को कहा।
ये भी पढ़ें-
Unique Temple: कहां है पहला तिरुपति मंदिर, देवताओं ने रखी जिसकी नींव? 9 हजार साल पुराना इतिहास
घटोत्कच को मारना किसी के बस में नहीं था तो कर्ण ने उन्हें कैसे मार दिया? इस प्रश्न का उत्तर है कि कर्ण के पास देवराज इंद्र द्वारा दी गई दिव्य शक्ति थी, जिसे वे अर्जुन का वध करना चाहते थे लेकिन जब कर्ण ने देखा कि घटोत्कच पूरी कौरव सेना को समाप्त करने वाला है तो ना चाहते हुए भी उन्होंने इंद्र द्वार दी गई शक्ति से घटोत्कच का वध कर दिया।
महाभारत के अनुसार जब कर्ण के हाथों घटोत्कच मारा गया तो ये देखकर श्रीकृष्ण मन ही मन बहुत खुश हुए। भीम उनकी खुशी को भांप गए और उन्होंने इसका कारण पूछा तो श्रीकृष्ण ने कहा ‘अब अर्जुन को कर्ण से कोई खतरा नहीं है। सिर्फ कर्ण के पास ही वो शक्ति थी, जिससे अर्जुन का अहित हो सकता था। इसलिए मैंने अब तक कर्ण को अर्जुन के सामने नहीं आने दिया। यही सोचकर मैं खुश हो रहा हूं।’
श्रीकृष्ण ने भीम से ये भी कहा कि ‘राक्षस जाति का होने के कारण घटोत्कच अधर्मी भी था। उसने कईं निर्दोष लोगों का वध किया था और वह ऋषि-मुनियों पर भी अत्याचार करता था। अगर आज वह कर्ण के हाथों नहीं मारा जाता तो भविष्य में मुझे ही उसका अंत करना पड़ता।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।