Unique Temple: कहां है पहला तिरुपति मंदिर, देवताओं ने रखी जिसकी नींव? 9 हजार साल पुराना इतिहास

Published : Dec 26, 2025, 11:44 AM IST
Unique Temple

सार

Unique Temple: आंध्रप्रदेश में एक प्राचीन मंदिर है, जिसे टोली तिरुपति मंदिर कहते है जिसका अर्थ है पहला तिरुपति मंदिर। कहते हैं इस मंदिर की नींव स्वयं देवताओं ने रखी थी। और भी कईं मान्यताएं इस मंदिर को खास बनाती हैं।

Interesting Facts About The Toli Tirupati Temple: हमारे देश में हजारों प्राचीन मंदिर हैं, जिनसे कोई न कोई रहस्यमयी कथा जुड़ी है। ऐसा ही एक मंदिर आंध्र प्रदेश के काकानाडा जिले में दिविली नामक स्थान पर स्थित है। इसे श्री श्रुंगारा वल्लभ स्वामी मंदिर कहते हैं। इस मंदिर का एक और नाम टोली तिरुपति भी कहते हैं, जिसका अर्थ है प्रथम तिरुपति। मान्यता है कि ये तिरुपति मंदिर वर्तमान में प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर से भी ज्यादा पुराना है। ऐसा भी कहते हैं कि स्वयं देवताओं ने इस मंदिर की नींव रखी थी। वर्तमान में यहां जो मंदिर दिखाई देता है वह लगभग 9 हजार साल पुराना है।

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टोली तिरुपति मंदिर का इतिहास

इतिहासकारों की मानें तो टोली तिरुपति मंदिर का वर्तमान ढांचा है उसका निर्माण चालुक्य राजाओं ने करवाया था। इस मंदिर पर द्रविड़ वास्तुकला की छाप दिखाई देती है। इस मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित है जो सदैव हंसती हुई दिखाई देती है, इसलिए इसे श्रृंगार वल्लभ स्वामी के नाम से जाता है। मंदिर के गर्भगृह तक पहुँचने के लिए सात दरवाजे पार करने पड़ते हैं जो 7 जन्मों का प्रतीक हैं। मंदिर परिसर में ही एक ध्वज स्तंभ भी स्थापित है। मंदिर के स्तंभों पर प्राचीन शिलालेख अंकित हैं जिससे इसकी प्राचीनता का अनुभव होता है।

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टोली तिरुपति मंदिर की कथा

प्रचलित कथा के अनुसार, सतयुग में राजा उत्तानपाद की दो पत्नियां थीं, सुनीति और सुरुचि। सुनीति के पुत्र ध्रुव और सुरुचि के पुत्र उत्तम थे। सुरुचि चाहती थी उसका पुत्र उत्तम ही राजा बने इसलिए वह ध्रुव से ईर्ष्या करती थीं। एक दिन जब ध्रुव अपने पिता राजा उत्तानपाद की गोद में बैठे थे, तब सुरुचि ने धक्का देकर उन्हें वहां से हटा दिया। ध्रुव ने ये बात जाकर अपनी माता को बताई। तब सुनीति ने ध्रुव को भगवान विष्णु की तपस्या करने को कहा। तब नारद मुनि ने ध्रुव को ऊं नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करने को कहा। ध्रुव की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु प्रकट हुए लेकिन विशाल रूप होने के कारण ध्रुव उन्हें देख नहीं पाते। तब भगवान छोटे लड़के का रूप लेकर ध्रुव को दर्शन देते हैं। मान्यता है कि टोली तिरुपति ही वह स्थान है जहा भगवान विष्णु ने ध्रुव को दर्शन दिए थे।

कैसे पहुंचे टोली तिरुपति मंदिर?

- टोली तिरुपति मंदिर के आसपास 3 रेलवे स्टेशन हैं, जहां से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। ये सभी 15 से 30 किमी के दायरे में है।
- इस मंदिर के आसपास 3 प्रमुख बस स्टेशन हैं - पेद्दापुरम 11 किमी, समरलाकोटा 14 किमी और काकीनाडा 28 किमी। जहां से मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
- टोली तिरुपति मंदिर से सबसे नददीक का एयरपोर्ट राजमुंदरी हैं, जो यहां से 50 किमी की दूरी पर स्थित है।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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