Makar Sankranti 2026: इस बार मकर संक्रांति पर एकादशी तिथि का दुर्लभ संयोग बन रहा है। ऐसा संयोग कईं दशकों में एक बार होता है। साथ ही इस बार मकर संक्रांति का पर्व 1 नहीं बल्कि 2 दिन मनाया जाएगा। आगे जानिए कब करें मकर संक्रांति का स्नान-दान?

Makar Sankranti 2026 Kab Hai: हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। ये हिंदुओं का एक मात्र ऐसा त्योहार है जो सूर्य के राशि परिवर्तन पर आधारित है। विद्वानों के अनुसार हर साल 14 जनवरी को सूर्य धनु से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है, इसलिए इस दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाने की परंपरा है। इस बार मकर संक्रांति का त्योहार 1 नहीं बल्कि 2 दिन मनाया जाएगा। इसके साथ ही और भी कईं दुर्लभ संयोग मकर संक्रांति पर बन रहे हैं।

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मकर संक्रांति पर एकादशी का संयोग

इस बार मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी पर षटतिला एकादशी व्रत का संयोग बन रहा है। ऐसा संयोग कईं दशकों में एक बार बनता है। मकर संक्रांति पर एकादशी का संयोग होने से ये दिन और भी खास हो गया है। मकर संक्रांति जहां हिंदुओं के पवित्र त्योहारों में से एक है वहीं एकादशी का संयोग होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। षटतिला एकादशी पर तिल का उपयोग 6 कामों में किया जाता है, इसलिए इसे षटतिला एकादशी कहते हैं।

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2 दिन मनाई जाएगी मकर संक्रांति

विद्वानों के अनुसार जब सूर्य धनु से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है तो मकर संक्रांति का पर्व मनाते हैं। साल 2026 में सूर्य 14 जनवरी, बुधवार की दोपहर लगभग 3 बजे धनु से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेगा। इसलिए इसके अगले दिन यानी 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पुण्यकाल माना जाएगा। यानी मकर संक्रांति से संबंधित स्नान-दान का महत्व 15 जनवरी, गुरुवार को रहेगा।

क्यों मनाते हैं मकर संक्रांति?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य हर 30 दिन में राशि बदलता है। जब भी सूर्य राशि बदलता है तो इसे संक्रांति कहते हैं। ऐसा साल में 12 बार होता है यानी एक वर्ष में कुल 12 संक्रांति होती है लेकिन इन सभी में सबसे अधिक महत्व मकर संक्रांति का माना गया है। इसके पीछे एक खास वजह है, वो ये है कि मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध की ओर गति करने लगता है। चूंकि हमारे देश भारत उत्तरी गोलार्द्ध में है, इसलिए यहां दिन बड़े होने लगते हैं और रातें छोटी। ये स्थिति मानव जीवन के लिए अनुकूल होती है। इसलिए मकर संक्रांति का पर्व प्रमुख रूप से मनाया जाता है।


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इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।