युद्ध से पहले क्यों आत्महत्या करना चाहता था दुर्योधन? छोड़ दिया था खाना-पीना

mahabharat fact: दुर्योधन महाभारत के सबसे प्रमुख पात्रों में से एक है। महाभारत युद्ध का मुख्य कारण भी दुर्योधन को ही माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं युद्ध से काफी समय पहले ही दुर्योधन आत्महत्या करना चाहता था।

 

mahabharat interesting facts: दुर्योधन के बारे में तो हम सभी जानते हैं कि वही महाभारत युद्ध का सबसे बड़ा कारण था। महाभारत में दुर्योधन के जन्म से लेकर मृत्यु तक का पूरा वर्णन मिलता है। महाभारत युद्ध से काफी समय पहले एक ऐसी घटना हुई, जिसके कारण दुर्योधन आत्महत्या करना चाहता था। सुनने में ये बात अजीब लगे, लेकिन ये सच है। आगे जानिए कब और कैसे हुई ये घटना…

जब गंधर्वों से हुआ दुर्योधन का युद्ध
महाभारत के अनुसार, जुएं में दुर्योधन से हारकर जब पांडव वन में रह रहे थे, तब एक दिन दुर्योधन के मन में पांडवों को अपना वैभव दिखाने का विचार आया। इसके लिए उसने वन में जहां पांडव रह रहे थे, उसके निकट ही एक क्रीड़ा भवन तैयार करवाया और दल-बल के साथ वहां रहने लगा। वन के उस हिस्से में गंधर्वों का राज था। उन्होंने दुर्योधन से वहां से चले जाने को कहा, लेकिन दुर्योधन नहीं माना। तब गंधर्वों की सेना ने कौरव सेना पर मायास्त्र चलाकार उन्हें भ्रम में डाल दिया और दुर्योधन, दु:शासन आदि को बंदी बना लिया।

Latest Videos

पांडवों ने छुड़वाया दुर्योधन को
कुछ कौरव सैनिकों ने ये बात पास ही में रह रहे पांडवों को बताई तो युधिष्ठिर ने भीम और अर्जुन को दुर्योधन की सहायता के लिए भेजा। उनकी बात मानकर गंधर्वों ने दुर्योधन आदि को छोड़ दिया। जब दुर्योधन को ये पता चली कि पांडवों ने उसे बचाया है तो वह दुखी हो गया और उसने आत्महत्या करने का मन बना लिया। सभी ने उसे बहुत समझाया, लेकिन दुर्योधन नहीं माना।

दुर्योधन ने छोड़ दिया था अन्न-जल
आत्महत्य करने के लिए दुर्योधन ने अन्न-जल छोड़ दिया और वन में रहने लगा। जब देवताओं से पराजित दैत्यों को जब यह पता चला तो उन्होंने एक कृत्या (राक्षसी) को दुर्योधन के पास भेजा। उस राक्षसी ने दुर्योधन के शरीर में प्रवेश कर लिया और उसे लेकर पाताल आ गई। यहां दैत्यों ने दुर्योधन को समझाया कि तुम्हारी सहायता के लिए अनेक दानव पृथ्वी पर आ चुके हैं। पांडवों से युद्ध के समय वे तुम्हारा साथ देंगे और तुम्हारी ही जीत होगी।

जब दुर्योधन ने की प्रतिज्ञा
जब दुर्योधन पुन: धरती पर आया तो उसे ये घटना एक सपने की तरह लगी लेकिन उसे समझ आ चुका था कि पाताल में रहने वाले राक्षस उसकी सहायता जरूरी करेंगे। जब कर्ण दुर्योधन से मिलने आया तो उसने प्रतिज्ञा की कि अज्ञातवास समाप्त होते ही वह पांडवों का समूल विनाश कर देगा। कर्ण की प्रतिज्ञा और दैत्यों की बात मानकर दुर्योधन ने आत्महत्या करने का विचार छोड़ दिया।


ये भी पढ़ें-

मरने के 16 साल बाद कैसे जिंदा हुए दुर्योधन और कर्ण, क्या थी वो चमत्कारी रात?


नकुल-सहदेव को जन्म देकर पांडवों की इस मां ने क्यों किया था आत्मदाह?


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

Share this article
click me!

Latest Videos

अब एयरपोर्ट पर लें सस्ती चाय और कॉफी का मजा, राघव चड्ढा ने संसद में उठाया था मुद्दा
Christmas Tradition: लाल कपड़े ही क्यों पहनते हैं सांता क्लॉज? । Santa Claus । 25 December
बांग्लादेश ने भारत पर लगाया सबसे गंभीर आरोप, मोहम्मद यूनुस सरकार ने पार की सभी हदें । Bangladesh
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में तैयार हो रही डोम सिटी की पहली झलक आई सामने #Shorts
कौन है 12 साल की सुशीला, सचिन तेंदुलकर ने बताया भविष्य का जहीर खान, मंत्री भी कर रहे सलाम