
उज्जैन. मध्य प्रदेश का उज्जैन वैसे तो महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (Mahakaleshwar Jyotirlinga) के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन इस बार ये महाशिवरात्रि पर बनने वाले अनोखे विश्व रिकार्ड के लिए चर्चा में बना हुआ है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा उज्जैन को विश्व स्तर पर प्रचारित करने के लिए 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर शिव ज्योति अर्पणम (Shiv Jyoti Arpanam) कार्यक्रम किया जा रहा है, जिसके अतंर्गत शिप्रा नदी के तट पर एक साथ 21 लाख दीपक जलाएं जाएंगे। ये एक विश्व रिकार्ड (Ujjain's world record) होगा। इतने सारे दीपक एक साथ आज तक कहीं नहीं जलाए गए हैं। आगे जानिए कैसे बनेगा ये विश्व रिकार्ड…
इतना तेल, रुई और कपूर लगेगा
स्मार्ट सिटी के सीओ आशीष पाठक के अनुसार, महाशिवरात्रि पर्व शिप्रा नदी का तट 21 लाख दीपकों से जगमगाएगा, इसके लिए सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। दीपक जलाने के लिए तीन तरह के तेल (सरसों, सोयाबीन और कपास) का उपयोग किया जाएगा, जिसका अनुमानित आंकडा लगभग 52 हजार लीटर होगा। इसके अलावा 25 लाख रुई की बत्ती और 600 किलो कपूर का उपयोग भी इस दौरान किया जाएगा। साथ ही 4 हजार माचिस भी इस दौरान इस्तेमाल होगी।
जीरो वेस्ट होगा पूरा कार्यक्रम
21 लाख दीपक जलाने के बाद जो विश्व रिकार्ड उज्जैन में बनेगा, उसकी एक खास बात ये भी रहेगी कि ये कार्यक्रम पूरी तरह से जीरो वेस्ट होगा। स्थानीय कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के अनुसार, कार्यक्रम समापन के रात में ही करीब घाटों की सफाई करवाई जाएगी। दीप प्रज्जवलन के दौरान उपयोग किए गए तेल, रुई और दीपक का 3 आर (REDUCE, RECYCLE, REUSE) के माध्यम से निपटारा किया जाएगा। बचे हुए तेल को गौशाला में, रुई को नगर निगम की कपडा बनाने वाली यूनिट में और दीपक से कलाकृति बनाई जाएगी।
अयोध्या के नाम पर है ये रिकार्ड
अब तक सबसे ज्यादा दीपक एक साथ जलाने का रिकार्ड अयोध्या के नाम पर है। साल 2022 में दीपावली के मौके पर अयोध्या में सरयू नदी के तट पर 15.76 लाख दीपक जलाए गए थे, जो एक विश्व रिकार्ड था। ये रिकार्ड अब उज्जैन के नाम पर दर्ज होने वाला है क्योंकि यहां 21 लाख दीपक एक साथ जगमगाएंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले साल महाशिवरात्रि पर शिप्रा तट पर ही 11 लाख से अधिक दीपक जलाने का रिकार्ड बना था।
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