Meen Sankranti 2023: इस बार सूर्य 15 मार्च को मीन राशि में प्रवेश करेगा। इसलिए इस दिन मीन संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इसी दिन से खर मास का आरंभ भी होगा, जो 14 अप्रैल तक रहेगा। मीन संक्रांति पर कुछ खास काम करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य 30 दिन में राशि बदलता है। सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है। सूर्य का मीन राशि में प्रवेश बहुत शुभ माना जाता है। इस बार सूर्य 15 मार्च को कुंभ से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेगा, इस राशि में सूर्य 14 अप्रैल तक रहेगा। इस समय को खर मास (Khar maas 2023) कहा जाता है। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन आदि नहीं किए जाते। जिस दिन सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है, उस दिन मीन संक्रांति (Meen Sankranti 2023) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 15 मार्च को है। आगे जानिए मीन संक्रांति से जुड़ी खास बातें…
इसलिए खास है मीन संक्रांति
काशी के विद्वान और ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज के अनुसार, साल में 12 संक्रांति होती है, लेकिन इन सभी में मीन संक्रांति का विशेष महत्व है। ये राशि देवगुरु बृहस्पति के स्वामित्व है। ऐसा कहा जाता है कि मीन राशि में जब सूर्य प्रवेश करते हैं तो वो गुरु की सेवा में लग जाते हैं, जिसके चलते इस दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह आदि नहीं किए जाते। इस बार मीन संक्रांति का पुण्यकाल 15 मार्च की सुबह 06.33 से 08.30 तक रहेगा। मीन संक्रांति के मौके पर कुछ खास काम किए जाएं तो निकट भविष्य में इसके शुभ फल प्राप्त होते हैं।
1. मीन संक्रांति की सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें और सूर्यदेव को तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। इस जल में लाल फूल, कुंकम आदि चीजें भी मिला लें। सूर्यदेव को जल चढ़ाते समय ऊं सूर्याय नम: मंत्र का जाप भी करते रहें।
2. मीन संक्रांति पर जरूरतमंदों को दान जरूर करना चाहिए। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस दिन गरीबों को भोजन, कच्चा अनाज जैसे गेहूं, चावल, दालें आदि चीजें दान कर सकते हैं। संभव हो तो कपड़े और बर्तनों का भी दान करें।
3. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भगवान सूर्य मान सम्मान का कारक माने जाते हैं। मीन संक्रांति पर आदित्य ह्रदय स्रोत का पाठ करने से जीवन में संपन्नता तो बनी ही रहती है साथ ही मान-सम्मान भी प्राप्त होता है।
4. सूर्य से संबंधित शुभ फल पाने के लिए मीन संक्रांति पर किसी सूर्य मंदिर में केसरिया ध्वज लगवाएं। अगर ऐसा न कर पाएं तो मंदिर के पुजारी को ये ध्वज देकर कुछ दक्षिणा भी दें। इस उपाय से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं।
5. मीन संक्रांति पर पहले सूर्यदेव की पूजा करें और बाद में कुशा के आसन पर बैठकर सूर्य के मंत्रों का जाप करें-
- ऊं ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
- ऊं सूर्याय नम:
- ऊं घृणि सूर्याय नम: ।
- ऊं ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ऊं
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