Mother's Day 2023: अपनी मां के अलावा किन 4 महिलाओं को भी माता के समान ही समझना चाहिए?

Mother's Day 2023: हर साल मई माह के दूसरे रविवार को मदर्स डे यानी मातृ दिवस मनाया जाता है। इस दिन बच्चे मां के प्रति अपने प्यार और सम्मान का इजहार कहते हैं और इस दिन को मां के साथ सेलिब्रेट करते हैं।

 

उज्जैन. इस बार मदर्स डे (Mother's Day 2023) 14 मई, रविवार को मनाया जाएगा। हिंदू धर्म ग्रंथों में माता को देवताओं से भी महान बताया गया है। इसलिए कहा गया है कि धरती पर स्वर्ग माता के पैरों के नीचे है। हमारे देश के महान विद्वान आचार्य चाणक्य (chanakya Niti) के अनुसार, हर व्यक्ति के जीवन में जन्म देने वाली मां का स्थान सबसे ऊपर होता है क्योंकि मां अपने बच्चे की खुशी और सुरक्षा के लिए कुछ भी न्यौछावर करने को तैयार रहती है। चाणक्य नीति के अनुसार, अपनी मां के अलावा 4 अन्य स्त्रियों को भी मां के समान ही समझना चाहिए। जानिए उन महिलाओं के बारे में…

श्लोक
राजपत्नी गुरोः पत्नी मित्र पत्नी तथैव च
पत्नी माता स्वमाता च पञ्चैता मातरः स्मृता

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अर्थ- राजा की पत्नी, गुरु की पत्नी, मित्र की पत्नी और पत्नी की मां को भी अपनी मां के समान ही आदर देना चाहिए।

राजा की पत्नी
चाणक्य नीति के अनुसार राजा अपनी प्रजा के लिए पिता समान होता है। राजा हर वो काम करता है जो प्रजा के हित में हो। राजा अपना निजी हित छोड़कर प्रजा के हित की ही बात सोचता है। राजा अगर पिता है तो रानी को माता के समान ही समझना चाहिए। वर्तमान समय में राजा तो नहीं है लेकिन जो भी व्यक्ति उच्च पद पर रहते हुए हमारे हित के कार्य करे, उसकी पत्नी को ही माता मानना चाहिए।

गुरु की पत्नी
हमारे धर्म ग्रंथों में गुरु को ईश्वर से भी श्रेष्ठ कहा गया है। प्राचीन काल में गुरुकुल में गुरु शिक्षा देते थे और गुरु माता आश्रम में रहने वाले बच्चों का पालण-पोषण करती थी, इसलिए इन्हें भी माता के समान कहा गया है। वर्तमान समय में जो हमारे शिक्षक हैं, उनकी पत्नी को ही हमें गुरुमाता समझकर मान-सम्मान देना चाहिए।

मित्र की पत्नी
चाणक्य नीति के अनुसार, मित्र और भाई की पत्नी यानी भाभी को भी मां के समान ही सम्मान देना चाहिए। कई बार मुसीबत आने पर भाई और मित्र ही हमारी सहायता करते हैं और सही सलाह भी देते हैं। इनकी पत्नियां भी हमारे लिए सम्मानीय होती हैं, इसलिए मित्र और भाई की पत्नी को मां के समान आदर देना चाहिए।

पत्नी की मां
पत्नी को धर्म ग्रंथों में अर्धांगिनी कहा गया है। पत्नी अपना परिवार छोड़कर हमारे परिवार को अपना मानती है, उसी तरह हमें भी उसके परिवार को अपना मानकर सम्मान देना चाहिए। पत्नी की माता को भी अपनी माता मानकर उनको मान देना चाहिए। समय आने पर उनकी सेवा करने से भी नहीं चूकना चाहिए।



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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।

 

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