Brideswar Mandir: बिना नींव के 1 हजार साल से खड़ा है बृहदीश्वर मंदिर, जानें इसके 3 रहस्य

Published : Feb 25, 2025, 03:30 PM IST
Brihadeeswara-Temple-Tamilnadu

सार

Mysterious temples of India: भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है। यहां कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जिनका आर्किटेक्चर देखकर वैज्ञानिक भी हैरान हो जाते हैं। ऐसा ही एक मंदिर है 1 हजार साल पुराना बृहदीश्वर, जो अपने आर्किटेक्चर के लिए प्रसिद्ध है। 

Brihadeeswarar Temple in Tamil Nadu: क्या आज के समय में 13 मंजिला कोई ईमारत हजारों साल तक खड़ी रह सकती है? आपको ये बात सुनने में ही बड़ी अजीब लगेगी लेकिन ये सच है। तमिलनाडु के तंजौर में ऐसा ही एक मंदिर है जो 1 हजार साल से बिना नींव के टिका हुआ है। इस मंदिर का नाम है बृहदीश्वर। इस मंदिर से जुड़ी कईं ऐसे रहस्य हैं जिनसे आज तक पर्दा नहीं उठ पाया है। जानें इस मंदिर से जुड़ी रोचक बातें…

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1. पूरा मंदिर ग्रेनाइट से बना

कहते हैं कि दुनिया में यह एकमात्र मंदिर है जिसका निर्माण पूरी तरह से ग्रेनाइट पत्थर से हुआ है। मंदिर में एक चौकोर मंडप है, जहां नंदी विराजमान हैं। नंदी की यह प्रतिमा 6 मीटर लंबी, 2.6 मीटर चौड़ी और 3.7 मीटर ऊंची है। भारत में एक ही पत्थर से बनी नंदी की यह दूसरी सर्वाधिक विशाल प्रतिमा है। मंदिर की प्राचीनता को देखते हुए यूनेस्को (UNESCO) ने इसे विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया है।

2. बिना नींव के टिका है ये मंदिर

तंजौर का बृहदीश्वर मंदिर लगभग 1 हजार साल पुराना है। इसका निर्माण 1003-1010 के बीच चोल राजा प्रथम राजराज चोल ने करवाया था। 13 मंजिला इस मंदिर की ऊंचाई लगभग 66 मीटर है। इसके बाद भी ये मंदिर हजारों साल से अपनी यथास्थिति में खड़ा है। यह एक रहस्य है क्योंकि बिना नींव के कोई भी निर्माण अधिक समय तक खड़ा नहीं रह सकता

3. मंदिर के शिखर पर 80 टन का पत्थर

बृहदीश्वर मंदिर के शिखर पर एक स्वर्णकलश है जो एक विशाल पत्थर पर स्थापित है। इस पत्थर का वजन करीब 80 टन है। ये पत्थर भी अपने आप में किसी रहस्य से कम नहीं है क्योंकि 1 हजार साल पहले इतना वजनदार पत्थर को इतनी ऊपर कैसे ले जाया गया होगा, ये पहले आज तक कोई भी सुलझा नहीं पाया है।


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Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों व विद्वानों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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