Mysterious Shiva Temple: ‘रहस्यमयी’ है 2 हिस्सों में बंटा ये शिवलिंग, गर्मी शुरू होते ही बढ़ने लगती है इनके बीच की दूरी

Sawan 2023: हमारे देश में भगवान शिव के कई अनोखे मंदिर हैं, जिनसे कई परंपराएं और मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। सावन मास में इन मंदिरों में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ती है। ऐसा ही एक मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में भी है।

 

उज्जैन. इन दिनों भगवान शिव का प्रिय सावन मास चल रहा है, जो 31 अगस्त तक रहेगा। इस महीने में शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। शिव के कई चमत्कारी मंदिर भी हमारे देश में हैं। ऐसा ही एक मंदिर हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के कांगड़ा जिले (Kangra district) के अंतर्गत इंदौरा उपमंडल (Indora subdivision) में स्थित है, जिसे काठगढ़ महादेव का मंदिर कहते हैं। (Mysterious Shiva Temple) इस मंदिर से कई मान्यताएं और परंपराएं जुड़ी हुई हैं जो इसे खास बनाती हैं। आगे जानिए क्या है इस मंदिर की विशेषता…

2 हिस्सों में बंटा है शिवलिंग (Kathgarh Mahadev Temple)
काठगड़ महादेव मंदिर में स्थित शिवलिंग 2 हिस्सों में बंटा हुआ है। इनमें से एक भाग को शिवजी का दूसरे को देवी पार्वती का स्वरूप माना जाता है। इतिहासकारों की मानें तो ये शिवलिंग 2300 वर्ष से अधिक पुराना है। पंजाब के राजा रणजीतसिंह ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। ऐसा भी कहते हैं कि राजा रणजीतसिंह हर शुभ कार्य के लिए इस मंदिर के पास बने कुए का जल मंगवाते थे।

Latest Videos

गर्मियों में होता है यहां चमत्कार
वैसे तो दो भागों में बंटे इस शिवलिंग के हिस्से एक-दूसरे से काफी नजदीक हैं लेकिन गर्मी शुरू होते ही ये दोनों के बीच की दूरी अपने आप बढ़ने लगती है और ठंड के मौसम में इनके बीच का अंतर अपने आप घट जाता है। हर साल लोग इस चमत्कार को देखते हैं, लेकिन आज तक कोई इसका रहस्य समझ नहीं पाया। यह शिवलिंग अष्टकोणीय है। शिव रूप में पूजे जाने वाले शिवलिंग की ऊचांई 7-8 फीट और पार्वती के रूप में पूजा जाने वाला शिवलिंग 5-6 फीट ऊंचा है।

सिकंदर भी आ चुका है यहां
इतिहासकारों की मानें तो 326 ई.पू. में सिकंदर ने भारत पर आक्रमण किया तो अनेक प्रांतों को जीतता हुआ वो एक दिन यहां पहुंचा। मंदिर में एक संन्यासी इस शिवलिंग की पूजा कर रहा था। सिकंदर उस संन्यासी की बातें सुनकर काफी प्रभावित हुआ। सिकंदर ने इस मंदिर के लिए भूमि को समतल करवाया और चारदीवारी बनवाई, साथ ही व्यास नदी की ओर अष्टकोणीय चबूतरे बनवाए, जो आज भी यहां हैं।

कैसे पहुंचें? (How To Reach Kathgarh Mahadev Temple)
भगवान शिव का ये प्रसिद्ध मंदिर पठानकोट से सिर्फ 25 किमी दूर स्थित है। पठानकोट आकर यहां से टैक्सी या बस द्वारा इस मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। पठानकोठ सड़क मार्ग द्वारा भी सभी राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ा हुआ है।


ये भी पढ़ें-

Har Har Mahadev Song: 1977 के टॉप 10 गीतों में शामिल था शिवजी का ये भजन, ये 5 आज भी ऑल टाइम फेवरेट

पत्नी के मामले में भूलकर भी न करें ये 1 गलती, उम्र भर पछताना पड़ेगा


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

 

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
Devendra Fadnavis के लिए आया नया सिरदर्द! अब यहां भिड़ गए Eknath Shinde और Ajit Pawar
कड़ाके की ठंड के बीच शिमला में बर्फबारी, झूमने को मजबूर हो गए सैलानी #Shorts
LIVE 🔴: बाबा साहेब का अपमान नहीं होगा सहन , गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ बर्खास्तगी की उठी मांग'
राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna