सिर्फ नागपंचमी पर खुलते हैं इस नाग मंदिर के पट, लाखों लोग करते हैं दर्शन

Nag Panchami 2024: उज्जैन का विश्व प्रसिद्ध नागचंद्रेश्वर मंदिर नागपंचमी पर सिर्फ 24 घंटे के लिए खोला गया है। इस दौरान लाखों भक्त यहां दर्शन करेंगे। दर्शन में आम लोगों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए प्रशासन ने तैयारी कर ली है।

 

Manish Meharele | Published : Aug 2, 2024 10:03 AM IST / Updated: Aug 10 2024, 01:16 PM IST

Nagchandreshwar Temple Ujjain: साल 2024 में नागपंचमी का पर्व 9 अगस्त, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन प्रमुख नाग मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ उमड़ती है। मध्य प्रदेश के उज्जैन में भी ऐसा ही एक प्राचीन नाग मंदिर हैं। ये नाग मंदिर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के सबसे ऊपरी हिस्से में स्थित है। खास बात ये है कि ये मंदिर हर साल सिर्फ नागपंचमी पर ही 24 घंटे के लिए खोला जाता है। इन 24 घंटों में लाखों भक्त यहां दर्शन करते हैं। आगे करिए इस अनोखे मंदिर के लाइ‌व दर्शन…

कब तक खुला रहेगा नागचंद्रेश्वर मंदिर?
8 अगस्त, गुरुवार की रात ठीक 12 बजे नागचंद्रेश्वर के पट खोले गए हैं। यहां सबसे पहले पुजारी, कलेक्टर, एसपी व अधिकारियों ने शासकीय पूजा की। इसके बाद आम भक्त यहां दर्शन कर रहे हैं। 9 अगस्त, शुक्रवार की रात 12 बजे तक नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खुल रहेंगे। इसके बाद अगले साल तक के लिए नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट पुन: बंद कर दिए जाएंगे।

कहां से नागचंद्रेश्वर दर्शन के लिए प्रवेश?
जो लोग नागचंद्रेश्वर के दर्शन करना चाहते हैं उन्हें हरसिद्धि मंदिर चौराहा से रुद्रसागर की दीवार के पास से विक्रम टीला होते हुए बड़ा गणेश मंदिर के सामने से गेट नंबर 4 एवं 5 के रास्ते विश्रामधाम तक ले जाएगा जाएगा। यहां से एयरो ब्रिज होते हुए ये नागचंद्रेश्वर के दर्शन कर पाएंगे। दिव्यांग भक्तों के लिए व्हील चेयर की सुविधा भी रहेगी।

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महाकाल दर्शन के लिए अलग व्यवस्था
जो लोग महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करना चाहते हैं, उनके लिए अलग से व्यवस्था रहेगी। ये लोग जयसिंह पुरा के निकट बने त्रिवेणी संग्रहालय के पास महाकाल लोक, फैसिलिटी सेंटर नंबर 1 से होते हुए कार्तिकेय, गणेश मंडपम् से दर्शन कर सकेंगे।

क्यों खास है उज्जैन का नागचंद्रेश्वर मंदिर?
उज्जैन का नागचंद्रेश्वर मंदिर साल में सिर्फ एक दिन के लिए नागपंचमी पर ही खुलता है। मान्यता है कि इसी स्थान पर तक्षक नाग ने महादेव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या की थी और आज भी तक्षक इसी स्थान पर गुप्त रूप से रहता है। नागचंद्रेश्वर के दर्शन से कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिलती है।


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इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

 

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