November 2025 Festival Dates: कब है देव दिवाली-भैरव अष्टमी? नोट करें नवंबर के व्रत-त्योहारों की डेट

Published : Oct 25, 2025, 11:48 AM IST
November 2025 Festival Dates

सार

November 2025 Festival Dates: साल 2025 का ग्यारहवें महीना नवंबर में कईं प्रमुख त्योहार मनाए जाएंगे। इनमें देवउठनी एकादशी, देव दिवाली आदि प्रमुख हैं। चातुर्मास भी इसी महीने में समाप्त होगा। यहां जानें नवंबर के व्रत-त्योहारों की डेट।

November 2025 Hindu Festival List: नवंबर 2025 का महीना धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत ही खास रहेगा क्योंकि इसी महीने में चातुर्मास समाप्त होगा और शुभ कार्य जैसे विवाह आदि पर लगी रोक हट जाएगी। इस महीने में अन्य कईं प्रमुख त्योहार भी मनाए जाएंगे जैसे देव दिवाली, कालभैरव अष्टमी आदि। ये महीना हिंदू पंचांग के कार्तिक और अगहन मास के अंतर्गत रहेगा। आगे जानिए नवंबर 2025 में कब, कौन-सा त्योहार मनाया जाएगा…

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नवंबर 2025 के व्रत-त्योहार (Fasts and festivals of November 2025)

1 नवंबर, शनिवार- देवउठनी एकादशी
2 नवंबर, रविवार- चातुर्मास समाप्त
3 नवंबर, सोमवार- सोम प्रदोष व्रत
4 नवंबर, मंगलवार- बैकुंठ चतुर्दशी
5 नवंबर, बुधवार- त्रिपुरारी पूर्णिमा, रास पूर्णिमा, स्नान-दान व्रत पूर्णिमा
8 नवंबर, शनिवार- गणेश चतुर्थी व्रत
12 नवंबर, बुधवार- कालभैरव अष्टमी
15 नवंबर, शनिवार- उत्पन्ना एकादशी
17 नवंबर, सोमवार- प्रदोष व्रत
18 नवंबर, मंगलवार- शिव चतुर्दशी व्रत
19 नवंबर, बुधवार- श्राद्ध अमावस्या
20 नवंबर, गुरुवार- स्नान-दान अमावस्या
24 नवंबर, सोमवार- विनायक चतुर्थी व्रत
25 नवंबर, मंगलवार- विवाह पंचमी, नाग दिवाली, श्रीराम विवाहोत्सव
26 नवंबर, बुधवार- बैंगन छठ, चंपा षष्ठी
27 नवंबर, गुरुवार- नंदा सप्तमी

कब से शुरू होंगे शुभ कार्य?

इस बार देवउठनी एकादशी का पर्व 1 नवंबर को मनाया जाएगा, इसके अगले ही दिन यानी 2 नवंबर को चातुर्मास समाप्त हो जाएगा। चातुर्मास के समाप्त होते ही शुभ कामों जैसे विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश पर लगी रोक हट जाएगी। इस महीने में विवाह आदि के कईं शुभ मुहूर्त निकल रहे हैं।

क्यों खास है देवउठनी एकादशी?

1 नवंबर, शनिवार को देवउठनी एकादशी का पर्व मनाया जाएगा। मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु 2 महीने बाद नींद से जागते हैं और सृष्टि के संचालन की जिम्मेदारी निभाते हैं। यानी अगले 8 महीने तक संसार का संचालन भगवान विष्णु के द्वारा किया जाएगा। इस बार बैकुंठ चतुर्दशी 4 नवंबर को है, इस दिन उज्जैन में हरिहर मिलन की परंपरा है जिसमें भगवान महाकाल पालकी में सवार होकर गोपाल मंदिर आते हैं और भगवान विष्णु की सृष्टि का भार सौंपते हैं।


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इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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