Pitru Paksha 2025: किस दिन कौन-सी तिथि का श्राद्ध करें? आज ही कर लें नोट

Published : Sep 05, 2025, 03:48 PM IST
pitru paksha 2025 tithi

सार

Pitru Paksha 2025 Date: इस बार पितृ पक्ष 7 सितंबर से शुरू हो रहा है। पितृ पक्ष में रोज तिथि के अनुसार पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान आदि किए जाते हैं। आगे जानें इस बार किस तारीख को कौन-सी तिथि का श्राद्ध करें?

Pitru Paksha 2025 Details: हर साल आश्विन मास में श्राद्ध पक्ष मनाया जाता है। इस बार श्राद्ध पक्ष 7 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर तक रहेंगे। खास बात ये है कि इस बार श्राद्ध पक्ष 16 दिनों के नहीं बल्कि 15 दिनों के होंगे। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस बार एक तिथि कम होने से पितृ पक्ष के दिन कम रहेंगे। धर्म ग्रंथों की मानें तो श्राद्ध के दिन कम होना शुभ माना जाता है। आगे जानिए 2025 के पितृ पक्ष के दिन कम क्यों हैं और किस दिन, कौन-सी तिथि का श्राद्ध करें…

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क्यों 15 दिन का होगा पितृ पक्ष 2025?

ज्योतिषाचार्य पं. द्विवेदी के अनुसार, पितृ पक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरू होता है जो आश्विन मास की अमावस्या तक रहता है। इस तरह ये 16 दिनों का होता है। लेकिन 2025 का पितृ पक्ष 16 दिनों का न होकर 15 दिनों का रहेगा क्योंकि इस बार षष्ठी तिथि का क्षय रहेगा। जिसके चलते पंचमी और षष्ठी तिथि दोनों का श्राद्ध एक ही दिन 12 सितंबर, शुक्रवार को किया जाएगा।

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नोट करें श्राद्ध पक्ष 2025 की तिथि और डेट

7 सितंबर, रविवार- पूर्णिमा श्राद्ध
8 सितंबर, सोमवार- प्रतिपदा श्राद्ध
9 सितंबर, मंगलवार- द्वितिया श्राद्ध
10 सितंबर, बुधवार- तृतीया श्राद्ध
11 सितंबर, गुरुवार- चतुर्थी श्राद्ध
12 सितंबर, शुक्रवार- पंचमी और षष्ठी श्राद्ध (कुंवारा पंचमी श्राद्ध)
13 सितंबर, शनिवार- सप्तमी श्राद्ध
14 सितंबर, रविवार- अष्टमी श्राद्ध
15 सितंबर, सोमवार- नवमी श्राद्ध (अविधवा श्राद्ध)
16 सितंबर, मंगलवार- दशमी श्राद्ध (संन्यासी श्राद्ध)
17 सितंबर, बुधवार- एकादशी श्राद्ध
18 सितंबर, गुरुवार- द्वादशी श्राद्ध
19 सितंबर, शुक्रवार- त्रयोदशी श्राद्ध
20 सितंबर, शनिवार- चतुर्दशी श्राद्ध (शस्त्राघात मृत्यु श्राद्ध)
21 सितंबर- रविवार- अमावस्या श्राद्ध (सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या)

क्यों जरूरी है श्राद्ध करना?

हिंदू धर्म में श्राद्ध करना सभी के लिए जरूरी माना गया है। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष के दौरान पितृ धरती पर आते हैं और अपने वंशजों से पिंडदान आदि का आशा करते हैं। जो व्यक्ति ऐसा करता है पितृ उसे आशीर्वाद देते हैं और जो तर्पण आदि नहीं करता, पितृ उससे नाराज हो जाते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार जो लोग अपने पितरों का श्राद्ध नहीं करते उन्हें पितृ दोष लगता है, जिससे उनके जीवन में कईं तरह की परेशानियां बनी रहती हैं।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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