Pitru Paksha 2025 Date: इस बार पितृ पक्ष 7 सितंबर से शुरू होगा जो 21 सितंबर तक रहेगा। पितृ पक्ष में लोग अपने पितरों का तर्पण व पिंडदान आदि करते हैं। अगर बेटा न हो तो पिता का श्राद्ध कौन कर सकता है? जानें क्या लिखा है धर्म ग्रंथों में?
Kab Se Shuru Hoga Pitru Paksha 2025: हर साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा से आश्विन मास की अमावस्या तक पितृ पक्ष मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किया गया पिंडदान व श्राद्ध ग्रहण करते हैं। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे अपने वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। पिता का श्राद्ध बेटे द्वारा करने की परंपरा है। अगर बेटा न हो तो उस व्यक्ति का श्राद्ध कौन कर सकता है। इसके बारे में भी धर्म ग्रंथों में बताया गया है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा से जानिए बेटा न हो तो कौन कर सकता है श्राद्ध…
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बेटा न हो तो श्राद्ध कौन करे?
अन्त्य कर्म-श्राद्ध प्रकाश ग्रंथ के अनुसार, पिता का श्राद्ध पुत्र को ही करना चाहिए। यदि मृतक के कईं पुत्र हों तो सबसे बड़े पुत्र को श्राद्ध का अधिकारी माना गया है। बड़ा पुत्र उपस्थित न हो तो छोटे पुत्र भी पिता का श्राद्ध कर सकते हैं। अगर मृतक का कोई भी पुत्र न हो तो इस स्थिति में छोटा भाई श्राद्ध कर सकता है। वह भी न हो तो भाई के पुत्र श्राद्ध कर सकते हैं। इनके न होने पर परिवार का कोई भी अन्य पुरूष श्राद्ध कर सकते हैं।
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परिवार में कोई पुरुष न हो तो न हो तो कौन करे श्राद्ध?
धर्म ग्रंथों के अनुसार परिवार में यदि कोई भी पुरुष न हो तो मृतक के गौत्र का कोई दूसरा व्यक्ति भी श्राद्ध कर सकता है। एक गौत्र का होना ये दर्शाता है कि किसी समय ये एक ही परिवार के सदस्य रहे होंगे। यदि सगोत्र में भी कोई पुरुष न हो तो पत्नी भी अपने पति का श्राद्ध कर सकती है। पत्नी भी न हो तो पुत्री का पति भी श्राद्ध करन अधिकारी है।
क्या गोद लिया बेटा भी कर सकता है श्राद्ध?
यदि पुत्री का पति भी न हो तो उसका पुत्र भी अपने नाना पक्ष का श्राद्ध कर सकता है। ये श्राद्ध भी पूर्वजों को प्राप्त होता है, ऐसा धर्म ग्रंथों में लिखा है। इन सबके न होने पर दत्तक पुत्र यानी गोद लिया बेटा भी श्राद्ध कर सकता है। श्राद्ध करना हर व्यक्ति के लिए जरूरी माना गया है। इसी से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।
