Pitru Paksha 2025: शरीर से निकलकर आत्मा कैसे पहुंचती है यमलोक, कितनी दर्दनाक है ये यात्रा?

Published : Sep 11, 2025, 11:59 AM IST
Pitru Paksha 2025

सार

Pitru Paksha 2025: गरुड़ पुराण हिंदुओं के प्रमुख 18 पुराणों में से एक है। इस पुराण में मृत्यु के बाद के अनेक रहस्यों के बारे में विस्तार से बताया गया है। मृत्यु के बाद आत्मा कैसे यमलोक जाती है और रास्ते में उसके साथ क्या होता है?

Aatma Kaise Pahuchati Hai Yamlok: इस बार श्राद्ध पक्ष 7 सितंबर से शुरू हो चुका है जो 21 सितंबर तक रहेगा। इस दौरान लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि कर्म करते हैं। कुछ लोग गरुड़ पुराण का पाठ भी करवाते हैं। गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु ने अपने वाहन गरुड़ को जीवन-मृत्यु से जुड़े कई रहस्यों के बारे में बताया है। इस ग्रंथ में ये भी बताया गया है कि मृत्यु से पहले व्यक्ति क्या सोचता है और कैसे उसकी आत्मा यमलोक तक जाती है। आगे जानिए गरुड़ पुराण में लिखी इन गुप्त बातों के बारे में…

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कैसे निकलते हैं शरीर से प्राण?

गरुड़ पुराण के अनुसार, जिस किसी व्यक्ति की मृत्यु होने वाली होती है तो चाहकर भी कुछ बोल नहीं पाता। उसे यमदूत दिखाई देने लगते हैं लेकिन वो अपने आस-पास के लोगों को बात नहीं कर पाता। यमदूत उसके शरीर से आत्मा निकाल लेते, जिससे तत्काल उसकी मृत्यु हो जाती है। ये आत्मा अंगूठे के आकार की होती है। यमदूत आत्मा को पकड़कर यमलोक ले जाते हैं। रास्ते में यमदूत उस आत्मा को नरक में मिलने वाली सजा के बारे में बताकर डराते भी हैं।

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धरती से कितनी दूर है यमलोक?

धरती से यमलोक की दूरी 99 हजार योजन है। यमलोक पहुंचकर वह आत्मा यमराज की आज्ञा से फिर अपने घर आती है। यहां वो अपने शरीर में पुन: प्रवेश करने की कोशिश करती है लेकिन कर नहीं पाती। भूख-प्यास के कारण आत्मा रोती है। उस समय परिजन जो पिंडदान आदि करते हैं, उसे खाकर भी आत्मा तृप्त नहीं होती।

आत्मा कितने दिन में पहुंचती है यमलोक?

12 दिन तक आत्मा अपने घर पर ही रहती है और अपने परिजनों द्वारा किए गए पिंडदान से तृप्त होती है। इसके बाद 13वें यमदूत पुन: उस आत्मा को पकड़ लेते हैं और यमलोक ले जाते हैं। रास्ते में आत्मा को गर्म रेत और खून की नदी भी पार करनी पड़ती है। इस तरह भूख-प्यास से तड़पती हुई वही आत्मा 47 दिन तक लगातार चलने के बाद यमलोक पहुंचती है। यहां यमराज उसे उसके अच्छे-बुरे कर्मों का फल देते हैं।



Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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