
Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष का समय बहुत ही महत्वपूर्ण और पितरों को समर्पित माना जाता है, जिसे श्राद्ध भी कहा जाता है। इस समय पितृ पक्ष चल रहा है और 15 दिनों की इस अवधि में लोग अपने पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान आदि करते हैं। कहा जाता है कि पितृ पक्ष में पितर 15 दिनों के लिए धरती पर आते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में जन्म लेने वाले बच्चे बहुत भाग्यशाली होते हैं। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल आता है कि अगर पितृ पक्ष में मृत्यु हो जाए तो क्या होता है। आइए जानते हैं उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी इस लेकर क्या कहते हैं?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, पितृ पक्ष में स्वाभाविक मृत्यु को शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु पितृ पक्ष में होती है, तो उसकी आत्मा को मोक्ष मिलता है और स्वर्ग में स्थान मिलता है। पितृ पक्ष में मृत्यु को अच्छे कर्मों का फल माना जाता है और उस पर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है। हालांकि, पितृ पक्ष के दौरान अकाल मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार के नियम सामान्य से भिन्न होते हैं और उनका श्राद्ध और पिंडदान विशेष स्थानों पर किया जाना आवश्यक होता है।
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