Prime Minister Narendra Modi: देश के सबसे लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बन चुके हैं। 8 जून की शाम को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर उन्होंने इतिहास रच दिया है।
8 जून 2024 का दिन भारत के इतिहास में अमर हो गया है क्योंकि इस दिन देश के सबसे लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। इस बार भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने के लिए अपने सहयोगी दलों पर भी निर्भर रहना पड़ा है, जिसके चलते ये कहा जा रहा है कि मोदी का तीसरा कार्यकाल परेशानियों से भरा रहेगा और इस दौरान मध्याविधि चुनाव की स्थिति भी बन सकती है। इस बारे में उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. नलिन शर्मा से चर्चा की जाए तो उन्होंने जो बाते बताई वो चौंकाने वाली थीं। जानें क्या कहा उज्जैन के ज्योतिषाचार्य ने…
पीएम मोदी के शपथ ग्रहण के समय कैसी थी ग्रहों की स्थिति?
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. नलिन शर्मा के अनुसार, 9 जून 2024 की शाम 7:15 पर नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने शपथ लेकर अपना तीसरा कार्यकाल शुरू किया है। प्रश्न कुंडली के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राशि वृश्चिक है और उन्होंने शपथ ग्रहण भी वृश्चिक लग्न में ही किया है। शपथ ग्रहण के समय पुनर्वसु नक्षत्र का चौथा चरण चल रहा था, जो सुख-शांति और स्थायित्व देने वाला माना जाता है।
क्या पूरा कर पाएंगे अपना तीसरा कार्यकाल
ज्योतिषाचार्य पं. शर्मा के अनुसार, ऊपर बताई गई ग्रहों की स्थिति से ये अनुमान लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में स्थायित्व तो रहेगा लेकिन सप्तम भाव में सूर्य, गुरु, बुध, शुक्र का चतुग्रही योग बनने से विरोधी बार-बार सरकार को घेरने को कोशिश करेंगे, वहीं NDA के सहयोगी दल भी परेशानी का कारण बनेंगे।
क्या कम होगी मोदी की लोकप्रियता?
ज्योतिषाचार्य पं. शर्मा के अनुसार, शपथ ग्रहण कुंडली का लग्नेश मंगल स्वयं 6th भाव में स्थित है, जिसके चलते पीएम मोदी को अपने कुछ फैसलों का चलते विरोध का सामना करना पड़ेगा। यहां तक की अपनी ही पार्टी में मोदी का विरोध हो सकता है। मंगल पर शनि की दृष्टि होने से 2025 के अंत तक मोदी की लोकप्रियता में कमी आ सकती है। लेकिन 2027-2028 में ग्रहों की शुभता के चलते मोदी एक बार फिर अपनी लोकप्रियता हासिल करने में सफल रहेंगे।
पड़ोसी देशों से होगा विवाद
ग्रहों की स्थिति पर गौर किया जाए तो अपने तीसरे कार्यकाल के दौरान नरेंद्र मोदी को पड़ोसी देशों से भी चुनौती मिलेगी। इस समय युद्ध की स्थिति भी बन सकती है, लेकिन ऐसा होगा नहीं। वहीं शनि और चंद्रमा का स्वग्रही होना उद्योग जगत, चिकित्सा क्षेत्र, न्याय पालिका, सिने जगत के लिए फायदेमंद रहेगा। पीएम मोदी इन क्षेत्रों से जुड़े बड़े निर्णय ले सकते हैं।
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