Raksha Bandhan 2025: कैसे बांधें भाई को राखी, कौन-सा मंत्र बोलें? जानें मुहूर्त

Published : Aug 08, 2025, 09:50 AM IST

Raksha Bandhan 2025 Shubh Muhurat: इस बार 9 अगस्त, शनिवार को रक्षा बंधन पर्व मनाया जाएगा। ये हिंदू धर्म के पवित्र प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई फर राखी बांधकर उसकी सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।

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जानें रक्षा बंधन से जुड़ी हर बात

Raksha Bandhan Ki Vidhi: हर साल सावन मास की पूर्णिमा पर रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है। इस पर्व का हर भाई-बहन को इंतजार रहता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उसकी सुख-समृद्धि की कामना करती हैं और भाई अपनी बहनों को रक्षा का वचन देते हैं। इस त्योहार से जुड़ी कईं कथाएं भी धर्म ग्रंथों में मिलती है। आगे जानिए राखी बांधने की पूरी विधि, मंत्र, शुभ योग और मुहूर्त आदि की पूरी डिटेल…

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रक्षा बंधन 2025 पर कौन-से शुभ योग बनेंगे?

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस बार रक्षा बंधन का पर्व 1-2 नहीं बल्कि पूरे 5 शुभ योगों में मनाया जाएगा। इस दिन मिथुन राशि में शुक्र और गुरु की युति होने से गजलक्ष्मी नाम का राजयोग बनेगा, वहीं कर्क राशि में सूर्य और बुध के साथ होने से बुधादित्य नाम का एक अन्य राजयोग भी रहेगा। इनके अलावा इस दिन सौभाग्य, सर्वार्थसिद्धि और सुस्थिर नाम के 3 अन्य शुभ योग भी बनेंगे। इतने सारे शुभ योगों के चलते इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है।

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रक्षा बंधन 2025 के शुभ मुहूर्त

इस बार रक्षा बंधन पर भद्रा का संयोग न होने से पूरा दिन ही शुभ रहेगा। 9 अगस्त को पूर्णिमा तिथि दोपहर 01 बजकर 24 मिनिट तक रहेगी। इसके पहले आप भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं। इसके बाद दोपहर 03 बजकर 46 मिनिट से शाम 05 बजकर 23 मिनिट तक का समय भी रक्षा बंधन के लिए श्रेष्ठ है।

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कैसे बांधें भाई को राखी, कौन-सा मंत्र बोलें?

- 9 अगस्त, शनिवार को शुभ मुहूर्त से पहले रक्षा बंधन की थाली तैयार कर लें। इसमें कुमकुम, चावल, मिठाई, राखी, पानी से भरा लोटा, नारियल रख लें। शुभ मुहूर्त में भाई बहन एक-दूसरे के आमने-सामने आसन पर बैठें।
- बहन सबसे पहले अपने भाई को कुमकुम से तिलक लगाए। भाई के हाथों पर नारियल रखें और उसकी दाहिने हाथ की कलाई पर रक्षासूत्र यानी राखी बांधें। राखी बांधते समय ये मंत्र बोलना न भूलें-
येन बद्धो बलि: राजा दानवेंद्रो महाबल:.
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल
- भाई का मुंह मीठा करें और अपनी इच्छा अनुसार वस्त्र आदि दें। इसके बाद भाई अपनी बहन के पैर छूकर उसे उपहार दें। राखी बांधने के बाद बहन अपने भाई की आरती भी जरूर उतारें।
- भाई को राखी बांधने के बाद इसी तरह अपनी भाभी, भतीजों आदि को भी राखी बांधें। इस दिन बहनों का अपने भाई के घर भोजन करना शुभ माना जाता है। इससे सुख-समृद्धि और प्रेम बना रहता है।

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क्यों मनाते हैं रक्षा बंधन?

रक्षा बंधन से जुड़ी कईं कथाएं धर्म ग्रंथों में मिलती हैं लेकिन इस पर्व का सही उद्देश्य ये है कि भाई-बहन के बीच का प्रेम हमेशा बना रहे। भाई-बहन का रिश्ता बहुत ही खास होता है लेकिन कईं बार बहन विवाह के बाद इस रिश्ते में दूरियां आने की आशंका रहती है। इस तरह की कोई संभावना न बनें इसलिए हमारे विद्वानों ने सोच-समझकर ये पर्व मनाया, जिसमें भाई-बहन एक-दूसरे के प्रति अपनत्व का भाव समझ सकें।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

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