Raksha Bandhan 2025: बहनें कैसे उतारें भाई की आरती? जानें स्टेप बॉय स्टेप पूरी विधि

Published : Aug 09, 2025, 09:45 AM IST
raksha bandhan 2025

सार

Raksha Bandhan 2025: रक्षा बंधन पर बहनें अपने भाई को राखी बांधकर उसकी सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। रक्षा सूत्र बांधने के बाद पहनें भाई की आरती भी उतारती हैं। भाई की आरती उतारते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

Raksha Bandhan Par Kaise Utare Bhai Ki Aarti: इस बार 9 अगस्त, शनिवार को रक्षा बंधन का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाई के घर जाकर उनकी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं। बहनों के मन में ये कामना रहती है कि उनके भाई के जीवन में कोई संकट न आए और सुख-समृद्धि बनी रहे। वहीं भाई भी अपनी बहन को रक्षा का वचन देता है। इस दिन रक्षा सूत्र बांधने के बाद बहनें भाई की आरती भी उतारती हैं। बहनें अपने भाई की आरती कैसे उतारें, यहां जानें पूरी विधि, स्टेप बॉय स्टेप…

रक्षा बंधन पर कैसे उतारें भाई की आरती?

- रक्षा बंधन पर शुभ मुहूर्त में सबसे पहले भाई, भाभी और भतीजों को एक-एक करके रक्षा सूत्र बांधें। अपनी इच्छा अनुसार भाई को कपड़े, रूमाल, नारियल आदि चीजें दें और उनका मुंह मीठा कराएं।
- इसके बाद भाई के पूरे परिवार को यानी भाभी और भतीजे-भतीजियों को एक ही स्थान पर बैठा लें। शुद्ध घी का दीपक जलाएं और इसे रक्षाबंधन की थाली में रखें। इससे भाई के पूरे परिवार की आरती उतारें।
- आरती करने के बाद लोटे में भरा जल थोड़ा-थोड़ा भाई के परिवार के दाईं और बाईं ओर डालें। इस तरह भाई की आरती उतारकर रक्षाबंधन पर्व मनाएं। ऐसा करने से भाई के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

क्यों उतारते हैं भाई की आरती?

हिंदू धर्म में आरती उतारने का विशेष महत्व माना गया है। बहनें कईं विशेष मौकों पर अपने भाई की आरती उतारती हैं, रक्षा बंधन भी ऐसा ही एक ही खास मौका होता है। भाई की आरती बहन ही उतारती हैं। मान्यता है कि आरती उतारने से भाई के जीवन में चल रही परेशानियां दूर हो सकती हैं और उसे किसी की नजर भी नहीं लगती। आरती उतारने से अर्थ है कि भाई के जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहे।

रक्षा बंधन 2025 के शुभ मुहूर्त

इस बार रक्षा बंधन पर यानी 9 अगस्त, शनिवार को भद्रा का संयोग नहीं रहेगा, जिसके चलते दिन भर ही बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध सकती हैं। ये हैं रक्षाबंधन के बेस्ट मुहूर्त…
- सुबह 07:40 से 09:17 तक
- दोपहर 12:30 से शाम 5:30 तक
- शाम 07:00 से रात 8:25 तक
- रात 09:45 से मध्य रात्रि 12:32 तक


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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