Ram Mandir Ayodhya: राम मंदिर की तरह किन 6 मंदिरों में पहले हुई प्राण प्रतिष्ठा, बाद में ध्वज स्थापना?

Published : Nov 22, 2025, 10:45 AM IST
Ram Mandir Ayodhya

सार

Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या के राम मंदिर में 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धर्म ध्वज की स्थापना करेंगे। इसके लिए लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस कार्यक्रम से पहले पूजन-अनुष्ठान भी किए जाएंगे।

Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या के राम मंदिर में भगवान श्रीराम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को की गई थी। चूंकि उस समय मंदिर का शिखर पूरा नहीं बना था, इसलिए धर्म ध्वज स्थापित नहीं किया गया था। शिखर निर्माण का कार्य पूरा होने के बाद अब 25 नवंबर 2025 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराएंगे। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब किसी मंदिर में पहले प्राण प्रतिष्ठा कर बाद में धर्म ध्वज लगाया गया है। आगे जानिए ऐसे 6 मंदिरों के बारे में…

ये भी पढ़ें-
Ram Mandir Ayodhya: मंदिर के शिखर पर ध्वज क्यों जरूरी? जानें उज्जैन के ज्योतिषाचार्य से

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडु

तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग स्थापित है। ये 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ये हिंदुओं के 4 धामों में से एक भी है। इतिहासकारों की मानें तो इस मंदिर का निर्माण 1173 ईसवी में हुआ। यहां ज्योर्तिलंग की प्राण प्रतिष्ठा के 277 साल बाद यानी 1450 में इसका शिखर बनाया गया और धर्म ध्वज की स्थापना की गई।

ये भी पढ़ें-
किस कपड़े से बना है राम मंदिर पर लगने वाला ध्वज, कितना है वजन?

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात

गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे पहला है। प्रतिदिन यहां लाखों भक्त दर्शन करने आते हैं। इस मंदिर में ज्योतिर्लिंग की स्थापना 11 मई 1951 को हुई थी और इसका शिखर निर्माण 1956 में शुरू हुआ। कलश स्थापना 3 मई, 1965 को की गई। यानी धर्म ध्वज भी काफी समय बाद लगाया गया।

पद्मनाथ स्वामी मंदिर, केरल

केरल का महापद्मनाभ स्वामी मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। ये मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। इतिहासकारों को कहना है कि इस मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा 5 हजार साल पहले हुई थी। जबकि शिखर व ध्वज स्थापना राजा मार्तंड ने साल 1733 में करवाई।

दत्तात्रेय मंदिर, नासिक

नासिक में भगवान दत्तात्रेय का एक प्राचीन मंदिर है। कहते हैं कि इस मंदिर में 550 साल पहले भगवान दत्तात्रेय और गुरु गोरखनाथ की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। इसके सालों बाद इस मंदिर में शिखर बनाया गया और धर्म ध्वज स्थापित किया गया।

मुरुदेश्वर मंदिर, कर्नाटक

भारत के कर्नाटक राज्य के उत्तर कन्नड़ ज़िले की भटकल तालुका में मुरुदेश्वर मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। यहां पहले भगवान शिव की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई और बाद में शिखर बनाकर ध्वज स्थापना की गई। यह मंदिर द्वापर युग का माना जाता है।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

Hindu Panchang: शुरू हुआ हिंदू पंचांग का दसवां महीना, जानें क्या है नाम, कब तक रहेगा?
Sunderkand: रामचरित मानस के सुंदरकांड में ‘सुंदर’ किसका नाम है, क्या आप जानते हैं?