जानें रामानंदी संप्रदाय के बारे में, जो करता है अयोध्या राम मंदिर में पूजा-पाठ, किसने की स्थापना, कैसे हैं नियम?

Ramanandi Sampradaya Tradition: अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार है। 22 जनवरी 2024 को यहां भगवान श्रीराम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। अयोध्या राम मंदिर में सालों से रामानंदी संप्रदाय पूजा करता आ रहा है, आगे भी यही परंपरा जारी रहेगी।

 

Manish Meharele | Published : Dec 17, 2023 8:22 AM IST / Updated: Dec 17 2023, 01:58 PM IST

Ramanandi Sampradaya In Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या राम मंदिर में भगवान श्रीराम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होगी। इसके लिए सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। एक भव्य कार्यक्रम के दौरान राम मंदिर का उद्घाटन होगा। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश की कईं बड़ी हस्तियां इस कार्यक्रम में शामिल होंगी। अयोध्या राम मंदिर में रामानंदी संप्रदाय पूजा करता आ रहा है और यही परंपरा आगे भी जारी रहेगी। रामानंदी संप्रदाय की स्थापना किसने की और इसके नियम के बारे में कम हो लोगों को पता है। आगे जानिए रामानंदी संप्रदाय से जुड़ी खास बातें…

किसने की रामानंदी संप्रदाय की स्थापना?
रामानंदी संप्रदाय की स्थापना जगतगुरु श्री रामानन्दाचार्य जी ने की थी। ये संप्रदाय बैरागियों के 4 प्राचीन संप्रदायों में से एक है। इसे बैरागी संप्रदाय, रामावत संप्रदाय और श्री संप्रदाय भी कहते हैं। काशी में पंचगंगा घाट पर रामानंदी सम्प्रदाय का प्राचीन मठ भी है। इस संप्रदाय के लोग भगवान राम की पूजा मुख्य रूप से करते हैं। इस संप्रदाय के मुख्य मंत्र ऊं रामाय नमः है। इस संप्रदाय के साधु-संन्यासी शुक्लश्री, बिंदुश्री और रक्तश्री आदि प्रकार के तिलक लगाते हैं।

बालक की तरह करते हैं श्रीराम की पूजा
रामानंदी संप्रदाय के मुख्य देव भगवान श्रीराम ही हैं। इस संप्रदाय के लोग भगवान राम की पूजा बालक के रूप में करते हैं यानी जैसा ध्यान एक बालक का रखा जाता है, ठीक उसी तरह की पद्धति से भगवान की पूजा करने का विधान है। इस पद्धति में रोज रामलला का आकर्षक श्रंगार किया जाता है। छोटे बालक की की तरह सुबह जगाना, स्नान करवाना और भोजन करवाना भी इस पूजा पद्धति का हिस्सा है।

अयोध्या में भी रामानंदी संप्रदाय करता है पूजा
अयोध्या राम मंदिर में सैकड़ों सालों से रामानंदी संप्रदाय ही पूजा-पाठ करता आ रहा है। नए राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी रामानंदी संप्रदाय के पुजारी ही यहां पूजा-पाठ करेंगे। अयोध्या राम मंदिर में प्रशिक्षु पूजारी को लेकर दूधेश्वर वेद विद्यापीठ के छात्र रहे मोहित पांडे का नाम सामने आ रहा है, जो 3 हजार लोगों में चुने गए हैं।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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