Ram Navami 2023: 300 से ज्यादा भाषाओं में लिखी गई है राम कथा, कौन-सी रामायण सबसे ज्यादा प्रचलित है?

Ram Navami 2023: हर साल चैत्र शुक्ल नवमी तिथि पर राम नवमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 30 मार्च, गुरुवार को है। मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। पूरे देश में ये पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।

 

Manish Meharele | Published : Mar 26, 2023 5:47 AM IST / Updated: Mar 28 2023, 12:11 PM IST
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जानें राम कथाओं से जुड़ी खास बातें...

भगवान श्रीराम का जीवन चरित्र सभी के लिए एक आदर्श है। इसलिए इन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है। हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम जन्मोत्सव (Ram Navami 2023) पूरे देश में बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 30 मार्च, गुरुवार को है। भगवान श्रीराम से जुड़े कई धर्म ग्रंथ प्रचलित हैं। एक शोध से पता चला है कि दुनिया भर में करीब 300 से अधिक भाषाओं में रामकथा उपलब्ध है। लेकिन इन सभी में सबसे अधिक प्रमाणिक वो राम कथा है, जो स्वयं श्रीराम ने सुनी थी। आगे जानिए प्रमुख राम कथाओं के बारे में…

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महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण

वैसे तो भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित कई धर्म ग्रंथ हैं, लेकिन इन सभी में महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण सबसे अधिक प्रमाणिक है। महर्षि वाल्मीकि ने ब्रह्मदेव के कहने पर रामायण की रचना की। ये संस्कृति में लिखी गई है। इसी रामायण का वाचन लव-कुश ने श्रीराम के सामने भरे दरबार में किया था। इस रामायण में तिथि, नक्षत्र आदि के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है।

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तुलसीदास जी द्वारा लिखी गई श्रीरामचरित मानस

वर्तमान में जो रामकथा सबसे अधिक प्रचलित है, वो है गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा लिखी गई रामचलित मानस। इसकी रचना अवधी भाषा में की गई है जो पढ़ने में समझने में काफी सरल है। यही कारण है कि वर्तमान में यही रामकथा सबसे अधिक प्रचलित है। इस ग्रंथ में श्रीराम के जीवन से जुड़े हर प्रसंग का वर्णन बड़ी ही सुंदरता से किया गया है।

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महर्षि कंबन द्वारा लिखी गई है रामायण

महर्षि कंब या कंबन दक्षिण भारत के महान विद्वान माने जाते हैं। इन्होंने ही कंब रामायण की रचना की, जिसे रामावतारम् भी कहा जाता है। इसे तमिल साहित्य का सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ भी कहा जाता है। ये ग्रंथ दक्षिण भारत में सबसे अधिक प्रचलित है। इसकी रचना करने वाले महर्षि कंबन को "कविचक्रवर्ती" की उपाधि दी गई है।

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आनंद रामायण में हैं कई विरोधाभास

ये रामायण मूल रामायण से बिल्कुल अलग है। इस कई प्रसंगों में विरोधाभास है इसलिए ये रामायण इतनी प्रचलित नहीं है। इस रामायण के 9 कांड है। पहले में 13, दूसरे में 9, तीसरे में 9, चौथे में 9, पांचवें में 9, छठे में 9, सातवें में 24, आठवें में 18, नौवें में 9 सर्ग है। मान्यता है कि इसकी रचना भी महर्षि वाल्मीकि द्वारा की गई है, लेकिन कई विद्वान इसे गलत मानते हैं।

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300 से ज्यादा राम कथा प्रचलित

ऊपर बताई गई प्रमुख राम कथाओं के अलावा भी दुनिया भर की अनेक भाषाओं में राम कथा लिखी गई है, इनकी संख्या 300 से भी अधिक है। इनमें उर्दू, फारसी और अरबी भाषा में लिखे गए ग्रंथ में शामिल हैं। असमी रामायण, विलंका रामायण, पंप रामायण, कश्मीरी रामायण, रामायण पांचाली आदि कई ग्रंथ में भगवान श्रीराम के जीवन पर लिखे गए हैं।



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