
Sarva Pitru Amavasya 2025 Shubh Muhurat: 21 सितंबर, रविवार को श्राद्ध पक्ष की अंतिम दिन है। इस दिन आश्विन मास की अमावस्या तिथि रहेगी। इस दिन श्राद्ध, पिंडदान आदि करने से उन सभी पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, जिन्हें आप नहीं जानते। इसलिए इसे सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या कहा जाता है। धर्म ग्रंथों में भी इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन कुछ खास उपाय किए जाएं तो पितृ दोष का प्रभाव भी कम हो सकता है। आगे जानिए 21 सितंबर को सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या पर तर्पण-पिंडदान का मुहूर्त क्या है और इस दिन कौन-से उपाय करें…
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सुबह 11:50 से दोपहर 12:38 तक- कुतुप मुहूर्त
दोपहर 12:38 से 01:27 तक- रौहिण मूहूर्त
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1. सर्व पितृ अमावस्या पर किसी तीर्थ स्थान या अपने ही घर पर किसी योग्य ब्राह्मण के द्वारा श्राद्ध-पिंडदान करें। ब्राह्मण को सम्मान के साथ भोजन करवाएं और दान-दक्षिणा देकर विदा करें। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
2. अमावस्या पर गाय को हरा चारा खिलाएं। कुत्ते को रोटी दें। पशु-पक्षी जैसे कौए आदि के लिए छत पर अनाज और पानी रखें। इसके साथ ही मछलियों के लिए तालाब या नदी में आटे की गोलियां बनाकर डालें।
3. सर्व पितृ अमावस्या पर जरूरतमंदों को दान करने का भी विशेष महत्व है। इस दिन आप गरीबों को भोजन, अनाज, कपड़े आदि चीजों का दान करें। इससे पितरों का आशीर्वाद आपको प्राप्त होगा।
4. अमावस्या पर यदि कोई ब्राह्मण घर पर भोजन के लिए न आ पाए तो एक थाली में कच्ची भोजन सामग्री जैसे आटा, तेल-घी, दाल-चावल, नमक, मिर्च, हल्दी आदि रखकर किसी ब्राह्मण को दान करें। साथ में दक्षिणा यानी पैसे भी जरूर दें।
5. श्राद्ध पक्ष की अमावस्या पर पीपल पर जल चढ़ाएं। पीपल को भगवान विष्णु के साथ-साथ पितरों का स्वरूप भी माना जाता है। इसलिए अमावस्या तिथि पर पीपल पर जल चढ़ाने का विशेष महत्व माना गया है। इस उपाय से भी पितृ दोष में कमी आ सकती है।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।