Shani Jayanti 2023: क्या हमेशा अशुभ फल ही देती है शनि की साढ़ेसाती? जानें इस मिथ से जुड़ी सच्चाई

Shani Jayanti 2023: इस बार शनि जयंती का पर्व 19 मई, शुक्रवार को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इसी तिथि पर सूर्यपुत्र शनिदेव का जन्म हुआ था। शनि की साढ़ेसाती और ढय्या से जुड़ी कई मान्यताएं व भ्रांतियां भी हमारे समाज में काफी प्रचलित हैं।

 

Manish Meharele | Published : May 12, 2023 10:52 AM IST

उज्जैन. हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर शनि जयंती (Shani Jayanti 2023) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 19 मई, शुक्रवार को है। हर साल शनि जयंती का पर्व भक्तों द्वारा पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाता है। शनिदेव से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं हमारे समाज में प्रचलित हैं। (Shani Myths) ऐसा कहा जाता है कि जिस पर भी शनि की साढ़ेसाती और ढय्या का प्रभाव होता है, उसे बहुत ही बुरे दिनों का सामना करना पड़ता है। आगे जानिए शनि की साढ़ेसाती और ढय्या से जुड़ी खास बातें…

किसे कहते हैं शनि की साढ़ेसाती? (What is called Saturn's Sade Sati?)
जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि साढ़ेसाती साढ़े सात साल का समय होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि जिस राशि में स्थित होता है, उसके आगे और पीछे की राशि को भी प्रभावित करता है। साढ़ेसाती में ढाई-ढाई साल के तीन चरण होते हैं। जब शनि किसी राशि में होता है तो उसके आगे वाली राशि पर साढ़ेसाती का प्रथम चरण होता है, जिस राशि में स्थित होता है, उस पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण होता है और उसके पीछे वाली राशि पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण होता है।

क्या हमेशा अशुभ फल ही देती है साढ़ेसाती? (Kya Hoti Hai Shani Ki Saadesati)
मान्यता है कि शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव जिस व्यक्ति पर होता है, उसके बुरे दिन शुरू होते जाते हैं। ये मान्यता काफी हद तक सही है लेकिन पूरी तरह से नहीं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी व्यक्ति पर साढ़ेसाती का प्रथम चरण शुरू होता है यानी प्रथम ढाई साल उसे अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दूसरे चरण में शनि का अशुभ प्रभाव थोड़ा कम हो जाता है और अंतिम चरण में शनिदेव व्यक्ति के शुभ कर्मों के अनुसार, उसे शुभ फल भी प्रदान करते हैं। साढ़ेसाती के अंतिम चरण में विवाह, संतान, नौकरी आदि शनिदेव की कृपा से प्राप्त होती है।

वर्तमान में इन राशियों पर है शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव?
इस समय शनि अपनी स्वराशि कुंभ में स्थित है। शनि के कुंभ राशि में होने इसके आगे की राशि मीन पर साढ़ेसाती का प्रथम चरण चल रहा है। कुंभ राशि वालों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है जबकि मकर राशि वालों पर साढ़ेसाती का अंतिम चरण चल रहा है। स्वराशि में शनि का होना शुभ माना जाता है।


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