Sheetala Puja 2025: कब है बसौड़ा पर्व, इस दिन क्यों खाते हैं ठंडा भोजन?

Published : Mar 18, 2025, 10:51 AM IST
sheetala-puja-basoda

सार

Sheetala Puja 2025: हर साल चैत्र मास में बसौड़ा पर्व मनाया जाता है। इसे बसियौरा भी कहते हैं। इस दिन देवी शीतला की पूजा करने की परंपरा है। इस पर्व पर ठंडा और बासी भोजन किया जाता है। 

Sheetala Puja 2025: धर्म ग्रंथों के अनुसार, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि पर बसौड़ा पर्व मनाया जाता है, इसे बसियौरा भी कहते हैं। इस पर्व से जुड़ी अनेक मान्यताएं और परंपराएं हैं। इस पर्व में देवी शीतला की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस बार बसौड़ा पर्व 21 और 22 मार्च को मनाया जाएगा। जानें इस दिन क्यों करते हैं शीतला माता की पूजा और क्यों खाते हैं ठंडा भोजन…

बसौड़ा पर क्यों करते हैं शीतला माता की पूजा?

धर्म ग्रंथों के अनुसार, देवी शीतला माता पार्वती का ही एक रूप हैं। चैत्र मास के दौरान जब बसौड़ा पर्व मनाया जाता है, उस समय शीत और ग्रीष्म ऋतु का संधिकाल होता है। इस समय बच्चों को शीतजन्य रोग जैसे स्मॉल पॉक्स होने का खतरा रहता है। मान्यता है कि देवी शीतला की पूजा करने से शीतजन्य रोगों से बचा जा सकता है। इसलिए इस समय देवी शीतला की पूजा की जाती है।

क्यों खाते हैं ठंडा और बासी भोजन?

चैत्र मास में शीत और ग्रीष्म ऋतु के संधिकाल में गर्म भोजन सेहत के लिए ठीक नहीं होता। इसलिए इस समय एक दिन ठंडा और बासी भोजन करने की परंपरा बनाई गई। इस परंपरा के पीछे मनोवैज्ञानिकर कारण ये भी है कि लोग ग्रीष्म ऋतु में ठंडी चीजों का सेवन अधिक से अधिक करें। इससे सेहत भी ठीक रहेगी और बीमारियों बचाव भी हो सकेगा।

एक दिन पहले बना भोजन करते हैं

बसौड़ा पर्व से एक दिन पहले रात को महिलाएं भोजन बनाकर रख लेती हैं। यही भोजन अगले दिन घर-परिवार के सभी लोग खाते हैं। इस भोजन में पूरी, पराठे, कड़ी, सब्जी, चावल आदि चीजें शामिल होती हैं। देवी शीतला को चढ़ाने वाला भोग भी एक दिन पहले ही तैयार कर लिया जाता है, जिसमें मीठे भजिए, पूरी, चावल, थूली, हलवा आदि चीजें होती हैं। बासी भोजन करने के कारण ही इस पर्व का नाम बसौड़ा पड़ा है।

 

PREV

Recommended Stories

हनुमान अष्टमी 2025 पर लगाएं 5 चीजों का भोग, टल जाएंगे आने वाले संकट
Hanuman Ashtami Bhajan: हनुमान अष्टमी पर सुनें ये फेमस भजन, खो जाएं बजरंगबली की भक्ति में