Sheetala Puja 2025: इस बार देवी शीतला की पूजा 21 और 22 मार्च को की जाएगी। देवी शीतला की पूजा से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और सेहत भी ठीक रहती है। देवी शीतला माता पार्वती का ही एक रूप हैं।
Sheetala Puja 2025: हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि पर देवी शीतला की पूजा की जाती है। इस बार शीतला सप्तमी का पर्व 21 मार्च और शीतला अष्टमी का पर्व 22 मार्च को किया जाएगा। देवी शीतला का पूजा से शीतजन्य रोग जैसे स्मॉल पॉक्स आदि नहीं होते। देवी शीतला की पूजा के दौरान यदि कुछ खास मंत्रों का जाप किया जाए तो घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और सेहत भी ठीक रहती है। आगे जानिए देवी शीतला के प्रमुख मंत्र और उनके जाप की विधि…
मंत्र-1
ऊं ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः
मंत्र-2
शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता।
शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः
मंत्र-3
वन्देऽहंशीतलांदेवीं रासभस्थांदिगम्बराम्।।
मार्जनीकलशोपेतां सूर्पालंकृतमस्तकाम्।।:
- शीतला सप्तमी और अष्टमी तिथि की सुबह स्नान आदि करने के बाद मंत्र जाप का संकल्प लें। जितना मंत्र जाप आप करना चाहते हैं, उसी के अनुसार संकल्प लेना चाहिए।
- इसके बाद साफ कपड़े पहनकर अपने घर पर ही या देवी शीतला के मंदिर में जाकर आसन पर बैठकर मंत्र जाप शुरू करें। देवी शीतला के मंत्रों का जाप करने के लिए तुलसी का माला का उपयोग करें।
- ऊपर बताए गए किसी भी 1 मंत्र का जाप करना शुरू करें। जितना मंत्रों का संकल्प आपने लिया है, उतने ही मंत्रों का जाप करें। उससे कम मंत्रों का जाप न करें। मंत्र जाप के दौरान देवी शीतला का ध्यान करते रहें।
- मंत्र जाप के बाद अपनी मनोकामना देवी शीतला के सामने बोलें। इस तरह देवी शीतला के मंत्रों का जाप करने से आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है और घर के सभी सदस्यों की सेहत ठीक रहती है।
- देवी शीतला की पूजा में अग्नि तत्व का प्रयोग नहीं किया जाता, इसलिए मंत्र जाप के दौरान दीपक और अगरबत्ती का प्रयोग न करें।
Disclaimer
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