Sheetala Saptami 2023: शीतला सप्तमी 14 मार्च को, जानें पूजा विधि, मंत्र, कथा और आरती, इस दिन कौन-से शुभ योग बनेंगे?

Sheetala puja 2023: इस बार शीतला सप्तमी का पर्व 14 मार्च, मंगलवार को मनाया जाएगा और शीतला अष्टमी का 15 मार्च, बुधवार को है। इन दिनों ही दिनों में देवी शीतला की पूजा करने का विधान है। इसे बसोड़ा और बसियोरा आदि नामों से भी जाना जाता है।

 

Manish Meharele | Published : Mar 13, 2023 9:19 AM IST / Updated: Mar 14 2023, 08:22 AM IST

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि को देवी शीतला की पूजा की जाती है। ये दोनों ही तिथियां देवी शीतला से संबंधित हैं। इस बार शीतला सप्तमी (Sheetala Saptami 2023) का पर्व 14 मार्च, मंगलवार और शीतला अष्टमी (Sheetala Ashtami 2023) का पर्व 15 मार्च, बुधवार को मनाया जाएगा। इस पर्व को बसौड़ा, बसियौरा व बसोरा भी कहते हैं। इस पर्व से जुड़ी कई खास परंपराएं और मान्यताएं हैं। कहते हैं कि देवी शीतला की पूजा से शीतजन्य रोग जैसे चैचक, खसरा आदि नहीं होते हैं। आगे जानिए देवी शीतला की पूजा विधि…

ये शुभ योग रहेंगे शीतला सप्तमी और अष्टमी तिथि पर (Sheetala puja 2023 Date)
पंचांग के अनुसार, शीतला सप्तमी 14 मार्च, मंगलवार को दिन भर रहेगी। इस दिन सूर्योदय सर्वार्थसिद्धि योग में होगा, जो सुबह 06.40 तक रहेगा। इसके बाद सिद्धि योग दोपहर 03.13 से शुरू होकर रात अंत तक रहेगा। वहीं 15 मार्च, बुधवार को सिद्धि योग दोपहर 12.52 तक रहेगा। साथ ही इस दिन श्रीवत्स योग दिन भर रहेगा। इस तरह सप्तमी और अष्टमी तिथि पर बनने वाले ये शुभ योग इन दिनों का महत्व और भी बढ़ा रहे हैं।

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इस विधि से करें देवी शीतला की पूजा (Sheetala puja Vidhi)
- महिलाएं जिस भी दिन (सप्तमी या अष्टमी) ये व्रत करना चाहती हैं, उसके एक दिन पहले ब्रह्मचर्य का पालन करें और पूजा में चढ़ाने वाली चीजें बनाकर रख लें।
- अगले दिन सुबह जल्दी उठकर जल्दी उठकर स्नान आदि करें और ये मंत्र बोलकर संकल्प लें- मम गेहे शीतलारोगजनितोपद्रव प्रशमन पूर्वकायुरारोग्यैश्वर्याभिवृद्धियेशीतला सप्तमी/अष्टमी व्रतं करिष्ये
- इस प्रकार संकल्प लेने के बाद देवी शीतला के मंदिर में जाकर विधि-विधान से पूजा करें। (बासी) खाद्य पदार्थ, मेवे, मिठाई, पूआ, पूरी, दाल-भात आदि का भोग लगाएं। इसे बाद परिक्रमा करें।
- देवी शीतला की पूजा में दीपक और अगरबत्ती नहीं जलाई जाती, सिर्फ उनके सामने इन्हें रखा जाता है। कारण ये है कि देवी शीतला ठंडी प्रकृति की देवी हैं। इनकी पूजा में अग्नि तत्व का प्रयोग वर्जित है।
- पूजा के बाद देवी शीतला की आरती करें। इसके बाद शीतला माता की कथा सुनें। इस दिन गर्म भोजन न बनाएं और न हीं खाएं। एक दिन पहले बनाया हुआ भोजन ही प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।

ये है देवी शीतला की आरती (Devi Sheetala Ki Arti)
जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता ।
आदि ज्योति महारानी, सब फल की दाता ॥
ॐ जय शीतला माता..॥
रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भाता ।
ऋद्धि-सिद्धि चँवर ढुलावें,
जगमग छवि छाता ॥
ॐ जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता ।
विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता ।
वेद पुराण वरणत, पार नहीं पाता ॥
ॐ जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता ।
इन्द्र मृदङ्ग बजावत, चन्द्र वीणा हाथा ।
सूरज ताल बजावै, नारद मुनि गाता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
घण्टा शङ्ख शहनाई, बाजै मन भाता ।
करै भक्तजन आरती, लखि लखि हर्षाता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
ब्रह्म रूप वरदानी, तुही तीन काल ज्ञाता ।
भक्तन को सुख देती, मातु पिता भ्राता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
जो जन ध्यान लगावे, प्रेम शक्ति पाता ।
सकल मनोरथ पावे, भवनिधि तर जाता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
रोगों से जो पीड़ित कोई, शरण तेरी आता ।
कोढ़ी पावे निर्मल काया, अन्ध नेत्र पाता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
बांझ पुत्र को पावे, दारिद्र कट जाता ।
ताको भजै जो नाहीं, सिर धुनि पछताता ॥
ॐ जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
शीतल करती जननी, तू ही है जग त्राता ।
उत्पत्ति व्याधि बिनाशन, तू सब की घाता ॥
ॐ जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता ।
दास विचित्र कर जोड़े, सुन मेरी माता ।
भक्ति आपनी दीजै, और न कुछ भाता ॥
जय शीतला माता,
मैया जय शीतला माता ।
आदि ज्योति महारानी, सब फल की दाता ॥
ॐ जय शीतला माता..॥

ये है शीतला पूजा की कथा (Sheetala Mata Ki Katha)
पौराणिक कथाओं के अनुसार, किसी गांव में एक महिला रहती थी। वह देवी शीतला की भक्त थी और रोज उनकी पूजा करती थी। उस गांव में और कोई भी देवी शीतला की पूजा नहीं करता था। एक दिन उस गांव में भयंकर आग लग गई, जिसमें गांव की सभी झोपडिय़ां जल गई, लेकिन उस महिला की झोपड़ी सुरक्षित रही, जो देवी शीतला देवी की पूजा करती थी। जब लोगों ने इसका कारण पूछा तो उस महिला ने बताया कि “मैं माता शीतला की पूजा करती हूं। इसलिए मेरा घर आग से सुरक्षित है।” महिला की बात सुनकर सभी लोग शीतला माता की पूजा करने लगे।



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