Ujjain Mahakal Sawari: बाबा महाकाल की छठी सवारी में शामिल हुआ नया रथ, जय महाकाल के नारों से गूंजा उज्जैन

Ujjain Mahakal Sawari Live: मध्य प्रदेश के उज्जैन में आज 14 अगस्त को भगवान महाकाल की छठी सवारी निकाली गई। सवारी में एक नवनिर्मित रथ को भी शामिल किया गया। नए रथ पर भगवान महाकाल का घटाटोप मुखारविंद विराजित था।

 

Manish Meharele | Published : Aug 14, 2023 10:24 AM IST / Updated: Aug 15 2023, 12:46 PM IST

उज्जैन. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (Ujjain) में स्थित भगवान महाकालेश्वर 12 ज्योतिर्लिंगों (12 Jyotirling) में से एक है। यहां कई प्राचीन परंपराओं का पालन आज भी किया जाता है। सावन मास में यहां प्रत्येक सोमवार को भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाती है। जिसे देखने के लिए न सिर्फ शहर की जनता बल्कि आस-पास के क्षेत्रों से भी लाखों भक्त यहां आते हैं। 14 अगस्त सोमवार को सावन मास की छठी सवारी निकाली गई।

महाकाल ने इस रूप में दिए दर्शन
सावन मास की छठी सवारी में भगवान महाकाल के कई रूप देखने को मिले। पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश और गरुड़ पर शिव तांडव स्वरूप नजर आए। वहीं नवनिर्मित रथ में बाबा महाकाल घटाटोप मुखारविंद के रूप में दर्शन दिए। मंदिर परिसर में स्थित कोटि तीर्थ के निकट पहले भगवान महाकाल की पूजा की गई। इसके बाद शाम 4 बजे भगवान की पालकी बाहर आई। यहां भगवान को सशस्त्र पुलिस बल द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। भगवान महाकाल की सवारी गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंची। यहां शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक किया गया। पूजन के बाद सवारी दानी गेट, गोपाल मंदिर होते हुए पुन: मंदिर परिसर में पहुंची। 

बाबा की सवारी में शामिल होगा नया रथ
श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा भगवान महाकाल की सवारी के लिए तीन नए रथ तैयार करवाए गए हैं। इनमें एक नया रथ आज सोमवार को निकलने वाली छठी सवारी में शामिल किया गया। इस रथ में भगवान महाकाल का घटाटोप मुखारविंद विराजित होगा। सवारी निकलने से पहले मंदिर परिसर में रखे रथ का विधि-विधान से पूजन किया गया।

4 सवारी और शेष
सावन का अधिक मास होने से इस बार भगवान महाकाल की 10 सवारी का योग बना है। इनमें से 5 सवारी निकल चुकी है, एक आज निकलेगी। शेष सवारी कब-कब निकलेगी, इसकी जानकारी इस प्रकार है…
सातवीं सवारी- 21 अगस्त को
आठवीं सवारी- 28 अगस्त को
नौवीं सवारी- 4 सितंबर को
अंतिम शाही सवारी- 11 सितंबर को


 

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