Mahabharata interesting facts: महाभारत में एक प्रसंग ऐसा भी है जब अर्जुन ने अपने बड़े भाई युधिष्ठिर को मारने के लिए तलवार उठा ली थी। उस समय भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को समझाया और युधिष्ठिर को बचाया। जानें कब और कहां हुई ये घटना?
Unheard stories of Mahabharata: महाभारत में कईं ऐसी घटनाओं का जिक्र है, जिसके बारे में सुनकर लोगों को यकीन नहीं होगा, लेकिन ये सच है। ऐसी ही एक घटना महाभारत युद्ध के दौरान हुई जब अर्जुन ने अपने बड़े युधिष्ठिर को मारने के लिए तलवार उठा ली थी। उस समय भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को समझाया और युधिष्ठिर की जान बचाई। इसके बाद अर्जुन स्वयं आत्महत्या करना चाहते थे। तब भी श्रीकृष्ण ने उन्हें समझाया। आगे जानिए कब और कहां हुई ये घटना…
जब कर्ण से हार गए युधिष्ठिर
महाभारत के गुरु द्रोणाचार्य की मृत्यु के बाद दुर्योधन ने कर्ण को अपनी सेना का सेनापति बनाया। कर्ण ने सेनापति बनते ही पांडवों की सेना का सफाया करना शुरू कर दिया। जब युधिष्ठिर ने देखा कि कर्ण उनकी सेना पर भारी पड़ रहे हैं तो वे स्वयं युद्ध करे आए। कर्ण और युधिष्ठिर के बीच भयानक युद्ध हुआ। युद्ध में कर्ण ने युधिष्ठिर को घायल कर दिया। युधिष्ठिर को घायल देख सारथी उन्हें शिविर में ले गया।
जब अर्जुन ने उठाई युधिष्ठिर को मारने के लिए तलवार
जब अर्जुन को पता चला कि युद्ध में युधिष्ठिर घायल हो गए तो वे श्रीकृष्ण के साथ शिविर में उनका हाल-चाल जानने के लिए पहुंचें। अर्जुन को आया देख युधिष्ठिर को लगा कि अर्जुन ने कर्ण का वध कर मेरी पराजय का बदला ले लिया है। लेकिन जब युधिष्ठिर को वास्तविकता का पता चला तो क्रोध में आकर उन्होंने अर्जुन से अपने शस्त्र दूसरे को देने के लिए कह दिया। युधिष्ठिर की बात सुनकर अर्जुन को बहुत क्रोध आया और उन्होंने युधिष्ठिर को मारने के लिए तलवार उठा ली।
अर्जुन ने युधिष्ठिर को कहा भला-बुरा
अर्जुन के हाथ में तलवार देखकर श्रीकृष्ण उनकी मंशा ताड़ गए और उन्होंने अर्जुन को रोक दिया। अर्जुन ने श्रीकृष्ण को बताया ‘मैंने प्रतिज्ञा ली है कि जो कोई मुझसे अपने शस्त्र दूसरे को देने के लिए कहेगा, मैं उसका सिर काट दूंगा।‘ तब श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा ‘तुम आज युधिष्ठिर का थोड़ा अपमान कर दो। ये काम उनकी हत्या जैसा ही है।’ अर्जुन ने ऐसा ही किया।
अर्जुन क्यों करना चाहते थे आत्महत्या?
बड़े भाई का अपमान करने से अर्जुन बहुत दुखी हो गए और आत्महत्या करने के लिए तलवार उठा ली। तब श्रीकृष्ण ने अर्जुन को समझाया कि ‘तुम स्वयं की तारीफ करो, ऐसा करना आत्महत्या करने जैसा ही है। श्रीकृष्ण की बात मानकर अर्जुन ने स्वयं की बहुत प्रशंसा की और इस तरह श्रीकृष्ण ने अर्जुन को आत्महत्या करने से रोक लिया।
युधिष्ठिर जाने लगे वन में
अर्जुन की बातें सुनकर युधिष्ठिर बहुत दु:खी हो गए और वे वन में जाने लगे। तब श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया कि उनके ही कहने पर अर्जुन ने कटु वचन बोलें हैं। श्रीकृष्ण ने इसका कारण भी युधिष्ठिर को बताया। इस घटना के बाद अर्जुन और श्रीकृष्ण पुन: अपने रथ पर सवार होकर युद्ध करने निकल पड़े।
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