Unique Temple: 5 अनोखे मंदिर, कहीं चढ़ाते शराब तो कहीं लगाते मटर बिरयानी का भोग

Published : Jul 18, 2025, 12:58 PM IST

unique temples of india: हमारे देश में अनेक प्राचीन और रहस्यमयी मंदिर हैं। इन मंदिरों की पंरपराएं भी बहुत खास हैं। आज हम आपको ऐसे ही 5 मंदिरों के बारे में बता रहे हैं जहां भगवान को नॉनवेज और शराब का भोग लगाया जाता है।

PREV
16
इन मंदिरों में लगता है नॉनवेज का भोग, चढ़ाते हैं शराब

Mysterious temples of India: मंदिरों में आमतौर पर भगवान को सात्विक भोग लगाया जाता है जैसे मिठाई, नारियल या फल आदि। लेकिन कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जहां देवी-देवताओं को नॉनवेज और शराब का भोग भी लगाया जाता है। इन मंदिरों में परंपरा सैकड़ों सालों से चली आ रही है। इन परंपराओं से जुड़ी रोचक कथाएं भी प्रचलित हैं। आज हम आपको ऐसे ही 5 मंदिरों के बारे में बता रहे हैं जहां नॉनवेज और शराब का भोग लगाने की परंपरा है।

26
कालीघाट मंदिर, कोलकाता

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में कालीघाट पर देवी काली का प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिसे कालीघाट मंदिर कहा जाता है। ये 51 शक्तिपीठों में से एक है। वर्तमान में जो यहां मंदिर का जो परिसर है, वो लगभग 200 साल पुराना है। यहां देवी काली को प्रसन्न करने के लिए बकरे की बलि देने की पंरपरा है। देवी को बकरे का मांस का ही भोग लगाया जाता है।

ये भी पढ़ें-

Lal Kitab Ke Totke: लाल किताब के 5 उपाय चमका सकते हैं वृष राशि वालों का भाग्य

36
कालभैरव मंदिर, उज्जैन

मध्य प्रदेश के उज्जैन में भगवान कालभैरव का प्रसिद्ध मंदिर है। यहां सैकड़ों सालों से कालभैरव भगवान को मदिरा का भोग लगाया जाता है। खास बात ये है कि शराब का प्याला कालभैरव के मुख पर लगाने से अपने आप ही खाली हो जाता है। रोज इस चमत्कार को देखने के लिए हजारों लोग यहां आते हैं।

46
कामाख्या मंदिर, गुवाहाटी

असम के गुवाहाटी में कामाख्या देवी का मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। ये 51 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता के अनुसार, इस स्थान पर देवी सती का योनि भाग गिरा था। ये स्थान तंत्र-मंत्र सिद्धि के लिए भी जाना जाता है। यहां भी देवी को बकरे, कबूतर, मछली आदि की बलि दी जाती है और इसे ही भोग के रूप में चढ़ाया जाता है।

56
तारापीठ, वीरभूम

पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले में देवी तारा का प्रसिद्ध मंदिर है। ये भी 51 शक्तिपीठों में काफी प्रसिद्ध है। कहते हैं कि पहले यहां नरबलि दी जाती थी जो बाद में बंद हो गई। आज भी यहां बकरे व अन्य पशु-पक्षियों की बलि देने की परंपरा जारी है। देवी को इन्हीं का मांस भोग के रूप में अर्पित किया जाता है।

66
मुनियांदी स्वामी मंदिर, मदुरई

तमिलनाडु के मदुराई में मुनियांदी स्वामी का मंदिर है जो अपने खास प्रसाद के लिए जाना जाता है। मुनियांदी स्वामी को भगवान शिव का अघोर अवतार माना जाता है। इस मंदिर में मुनियांदी स्वामी को चिकन और मटन बिरयानी का भोग लगाते हैं और बाद में इसे भक्तों को प्रसाद के रूप में बांट दिया जाता है।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

Read more Photos on

Recommended Stories