Unique Temple: इस मंदिर को कहते हैं नागलोक का द्वार, जान हथेली पर रख दर्शन करने जाते हैं भक्त

Published : Jul 22, 2025, 03:21 PM IST
Nagdwar-Swami-Temple

सार

unique temples of india: मध्य प्रदेश के पचमड़ी में एक प्राचीन नाग मंदिर है, जिसे नागलोक का द्वार कहा जाता है। यहां तक पहुंचना बहुत कठिन है क्योंकि ऊंची पहाड़ियों से होकर जाना अपनी जान खतरे में डालने जैसा है। 

Nagdwari Yatra 2025: हमारे देश में नागदेवता के अनेक प्राचीन मंदिर हैं, इन्हीं में से एक है पचमड़ी का नागद्वारी मंदिर। इसे नागलोक का द्वार भी कहा जाता है। ऊंचे पहाड़ों पर बना ये नाग मंदिर लोगों के लिए आज भी आश्चर्य का विषय बना हुआ है। यहां तक पहुंचना अपनी जान खतरे में डालने जैसा है क्योंकि जरा सी लापरवाही आपकी जान ले सकती है। यही कारण है कि साल में सिर्फ 10 दिन के लिए ये मंदिर दर्शन के लिए खोला जाता है। नागपंचमी (29 जुलाई, मंगलवार) के मौके पर जानिए इस मंदिर से जुड़ी रोचक बातें…

इसे कहते हैं मध्य प्रदेश का अमरनाथ

मध्य प्रदेश के पचमड़ी में सतपुड़ा की ऊंची पहाड़ियों पर है नागद्वारी मंदिर। इसे मध्य प्रदेश का अमरनाथ भी कहा जाता है। हर साल नागपंचमी से 10 दिन पहले इस मंदिर के दर्शन के लिए एक यात्रा निकाली जाती है। इस बार ये यात्रा 19 जुलाई से शुरू हो चुकी है। ये यात्रा नागफनी नामक स्थान से शुरू होती है जो धूपगढ़ मार्ग पर स्थित है। यहां से लगभग 15 किलोमीटर का रास्ता घने जंगलों से होकर गुजरता है। ऊंचे पड़ाड़ों पर चलते हुए जंगली जानवरों का डर यहां हमेशा बना रहता है।

7 पहाड़ चढ़ने के बाद पहुंचते हैं नागद्वारी

नागद्वारी तक पहुंचने के लिए 7 पहाड़ पार करने पड़ते हैं। इस यात्रा में 2 से 3 दिन का समय लगता है। इतनी ऊंचाई पर नागों का इतना प्राचीन किसने बनाया, ये आज तक रहस्य बना हुआ है। नागद्वारी मंदिर की यह यात्रा करीब 100 साल से ज्यादा समय से चली आ रही है। शासन-प्रशासन के सहयोग से अब यह यात्रा थोड़ी आसान हो गई है क्योंकि यहां यात्रा के दौरान निश्चति स्थानों पर कैंप लगाए जाते है, जहां इलाज की सुविधा भी उपलब्ध होती है।

35 फीट लंबी है नागद्वारी मंदिर की गुफा

नागद्वारी मंदिर की गुफा लगभग 35 फीट लंबी है, जहां नागदेवता की अनेक प्राचीन मूर्तियां देखने को मिलती हैं। इस गुफा में जाने बहुत ही डरावना अनुभव होता है। गुफा से थोड़ी आगे एक और प्राचीन स्थान है जिसे स्वर्ग द्वार कहते हैं, यहां भी नागदेवता की प्रतिमाएं देखने को मिलती है। मान्यता है कि नागद्वारी मंदिर की यात्रा से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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