Basant Panchami 2023: वसंत पंचमी पर क्यों पहनते हैं पीले रंग के कपड़े, देवी सरस्वती को क्यों चढ़ाते हैं पीले फूल?

Vasant Panchami 2023: इस बार वसंत पंचमी का पर्व 26 जनवरी, गुरुवार को मनाया जाएगा। इस दिन पीले रंग के कपड़े विशेष रूप से पहने जाते हैं। देवी सरस्वती को पीले फूल चढ़ाए जाते हैं। आखिर क्यों वसंत पंचमी पर पीले रंग का इतना महत्व है?

 

Manish Meharele | Published : Jan 25, 2023 4:53 AM IST / Updated: Jan 26 2023, 07:52 AM IST

उज्जैन. हिंदू धर्म में हर त्योहार से कोई न कोई मान्यता और परंपरा हुई है। ऐसी ही एक परंपरा वसंत पंचमी (Vasant Panchami 2023) पर्व से भी जुड़ी है। इस दिन पीले रंग के कपड़े विशेष रूप से पहने जाते हैं, देवी को पीले रंग के फूल चढ़ाए जाते हैं और पील रंग के चावल यानी केसरिया भात का भोग विशेष रूप से लगाया जाता है। आखिर क्यों वसंत पंचमी पर पीले रंग का इतना महत्व माना जाता है, इस बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। आगे जानिए इस परंपरा से जुड़ी खास बातें…


इसलिए खास है पीला रंग
हमारे विद्वानों ने हर रंग का एक विशेष महत्व बताया है। उसके अनुसार, पीला रंग ज्ञान का रंग है, साथ ही ये सुख, शांति, एकाग्रता और मानसिक क्षमता का भी प्रतीक है। पीला रंग एकदम शुद्ध है यानी इसमें किसी तरह की कोई मिलावट नहीं होती। इसलिए ये शुद्धता का परिचायक भी है। चूंकि देवी सरस्वती ज्ञान की देवी हैं, और ज्ञान प्राप्त करने के लिए मनुष्य में इन सभी गुणों का होना परम आवश्यक है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमारे विद्वानों ने वसंत पंचमी पर पीले रंग के कपड़े पहनने की परंपरा बनाई।


गुरु ग्रह से संबंधित है पीला रंग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पीला रंग गुरु ग्रह से संबंधित है। ये देवताओं को गुरु भी हैं। इनकी शुभ स्थिति के बिना कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन आदि नहीं किया जाता। यानी गुरु ग्रह को सौरमंडल का सबसे पवित्र और सौम्य ग्रह कहा जा सकता है। इस ग्रह से शुभ फल पाने के लिए भी पीले रंग के कपड़े पहने जाते हैं ताकि केसर युक्त भोजन किया जाता है जैसे केसरिया भात। गुरु ग्रह की शुभ स्थिति से हमारे जीवन में सुख-शांति आती है।


केसरिया भात क्यों खाते हैं वसंत पंचमी पर?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, केसर जहां गुरु ग्रह से संबंधित है, वहीं चावल शुक्र ग्रह से। ये दोनों ही ग्रह बहुत खास है क्योंकि गुरु ग्रह के शुभ प्रभाव से जहां ज्ञान प्राप्त होता है, वहीं शुक्र के शुभ प्रभाव से जीवन में धन आता है। जब इन दोनों चीजों से निर्मित केसरिया भात का भोग देवी सरस्वती को लगाया जाता है तो जीवन में हर तरह का सुख प्राप्त होता है।


ये भी पढ़ें-

Vasant Panchami 2023: 600 फीट ऊंचे पहाड़ पर बना है देवी सरस्वती का ये मंदिर, यहां गिरा था माता सती का हार


February 2023 Festival Calendar: फरवरी 2023 में 11 दिन रहेंगे व्रत-त्योहार, यहां जानें पूरी लिस्ट


Hindu Tradition: मंदिर में प्रवेश से ठीक पहले जरूर किया जाता है ये काम, बहुत कम लोग जानते हैं इसके पीछे का कारण


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।

 

Read more Articles on
Share this article
click me!